बच्चों की आंखों में न लगाएं सुरमा व काजल
बच्चों की आंखों को बड़ा दिखाने के प्रयास में सुरमा और काजल डालना अत्यंत हानिकारक है और इसके प्रयोग को बंद कर देना चाहिए।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : बच्चों की आंखों को बड़ा दिखाने के प्रयास में सुरमा और काजल डालना अत्यंत हानिकारक है और इसके प्रयोग को बंद कर देना चाहिए। यह विचार फाजिल्का के सिविल सर्जन डॉ. दलेर सिंह मुलतानी ने विश्व दृष्टि दिवस पर दृष्टि प्रथम अभियान के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में कहे। इस विषय को लेकर सोशल वेलफेयर सोसायटी के संरक्षक गिरधारी लाल अग्रवाल, अध्यक्ष शशिकांत, नेत्रदान प्रोजेक्ट चेयरमैन रवि जुनेजा, महासचिव सर्बजीत सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर फाजिल्का के ज्योति बीएड कॉलेज में चेयरमैन सुरिदर ठकराल हैप्पी तथा प्रिसीपल डॉ. अनिता अरोड़ा के नेतृत्व में विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि डॉ. मुलतानी ने कहा कि आंखों के संरक्षण के लिए सभी को दीपावली तथा अन्य त्यौहारों पर सावधानी से कम पटाखे चलाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जन्म लेने वाले बच्चे की दृष्टि इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी मां ने गर्भावस्था में अच्छी खुराक ली हो। उन्होंने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों के ड्रॉपआउट का मुख्य कारण दृष्टि की कमजोरी रहता है, इसलिए बच्चों तथा विद्यार्थियों को अपनी आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए निशुल्क ऐनकों तथा बुजुर्गों के सफेद मोतिया के आपरेशन के पूरे प्रबंध किए गए हैं। सोशल वैलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष शशिकांत ने कहा कि सोसायटी कोर्नियल नेत्रहीनता को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा संस्था द्वारा गत साढ़े 12 वर्षों से चलाए जा रहे नेत्रदान प्रोजेक्ट के अंतर्गत अब तक 428 लोगों के नेत्रदान करवाए गए हैं और 856 लोगों की आंखों की रोशनी लौटाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कोर्नियल नेत्रहीनता का कोई भी रोगी निशुल्क कोर्निया ट्रांसप्लांट के लिए उनकी संस्था से संपर्क कर सकता है। स्वास्थ्य विभाग के जिला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू ने कहा कि अपनी नजर पर नजर रखो तभी नजर ठीक रहेगी। सेमिनार में कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. अनिता अरोड़ा, सोशल वैलफेयर सोसायटी के महासचिव सर्बजीत सिंह ढिल्लों तथा सोशल मीडिया सचिव संदीप अनेजा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।