Move to Jagran APP

जल व वायु के बिना जीवनयापन असंभव : विज्ञानानंद

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने गोशाला परिसर में दो दिवसीय विलक्षण योग शिविर लगाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 11:16 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 11:16 PM (IST)
जल व वायु के बिना जीवनयापन असंभव : विज्ञानानंद
जल व वायु के बिना जीवनयापन असंभव : विज्ञानानंद

जागरण संवाददाता, अबोहर : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान ने गोशाला परिसर में दो दिवसीय विलक्षण योग शिविर लगाया। योगाचार्य स्वामी विज्ञानानंद ने बताया कि इस बार संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम जलवायु सक्रियता रखी है। वर्तमान में मनुष्य आधुनिकतावाद और विकासवाद की अंधी दौड़ में प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। इसमें वनस्पति जगत पतन के कगार पर है। प्राकृतिक संसाधनों में संपूर्ण जीव जगत की मूलभूत आवश्यकता जल और वायु है। स्वामी ने 'जल है तो कल है' कि अवधारणा पर बल देते हुए बताया कि भोजन के बिना मनुष्य कुछ दिनों तक जीवित रह सकता है, लेकिन जल और वायु के बिना एक दिन भी जीवन संभव नहीं है। भारत में पिछले 10 वर्षो में भूमिगत जल स्तर इतना निम्न स्तर पर जा चुका है कि 2050 तक संपूर्ण भारत मरु भूमि बन जाएगा। चिता का विषय है कि मनुष्य अपनी भावी पीढ़ी को क्या देकर जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार संपूर्ण भारत में 70 प्रतिशत रोगों का कारण अशुद्ध जल की उपलब्धता है। भूमिगत जल संसाधनों के विकास पर बल देते हुए स्वामी जी ने उपस्थित जन समूह को भारत की पवित्र नदियों की स्वच्छता व जल संरक्षण की प्रेरणा दी। अधिक से अधिक पौधरोपण करने की अपील की। इस मौके पर साध्वी बागीशा भारती, साध्वी हरप्रीत भारती, गोशाला मैनेजिग कमेटी के सदस्य कमल मित्तल, धर्मपाल सेठी, योग गुरु सुख राम आदि उपस्थित थे।

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.