तड़पता रहा खून से लथपथ मरीज, डॉक्टरों ने पर्चा कटवाने को तीन घंटे 40 किमी. दौड़ाया
गंभीर हालत में मरीज अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने तीन घंटे तक एमएलसी (मेडिकोलीगल केस) कटवाने के लिए 40 किलोमीटर दौड़ाया।
जेएनएन, अबोहर। खून से लथपथ गंभीर हालत में मरीज को दो अस्पतालों के डॉक्टरों ने तीन घंटे तक पर्चा (एमएलसी- मेडिकोलीगल केस) कटवाने के लिए 40 किलोमीटर दौड़ाया। तीन घंटे बाद पर्चा काटने पर ही डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया। अबोहर के गांव बजीतपुर भोमा के रूप सिंह को सुबह पड़ोस के खेत के मालिकों ने पानी की बारी को लेकर हमला कर घायल कर दिया।
खून में लथपथ रूप सिंह को परिजन इलाज के लिए सीतो गुन्नो के सरकारी अस्पताल लेकर आए। एसएमओ एवं सर्जन डॉक्टर रवि बांसल ने डॉक्टरों की कमी को देखते हुए प्राथमिक उपचार कर उसे 20 किलोमीटर दूर सरकारी अस्पताल अबोहर में रेफर कर दिया। परिजन रूप सिंह अबोहर के सरकरी अस्पताल ले आए, लेकिन यहां डॉक्टरों ने पर्चा न कटा होने के कारण जख्म पर पट्टी रखकर उन्हें फरीदकोट जाने को बोल दिया।
घायल रूप सिंह का बेटा डॉक्टरों से पिता पर हुए हमले का पर्चा कटवाने को लेकर मिन्नतें करता रहा, लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि इस मामले का पर्चा सीतो अस्पताल में ही कटेगा। परिजन घायल को अबोहर से वापस सीतो अस्पताल ले गए फिर उसका पर्चा काटा गया। बाद में परिजन रूप सिंह को मेडिकल कॉलेज फरीदकोट ले गए।
डॉक्टर नहीं है, गंभीर मरीज को रेफर करने के हैं निर्देश
सीतो अस्पताल प्रभारी डॉ. रवि बांसल ने कहा कि उनके अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। यहां के डॉ. पुनीत व डॉ. सारंग को अबोहर लगाया गया है। डॉ. अनमोल को फाजिल्का लगाया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई गंभीर मरीज आए तो उसे अबोहर रेफर किया जाए, इसलिए रूप सिंह को अबोहर रेफर कर दिया था।
अबोहर के डॉक्टर कैसे संभालें सीतो अस्पताल के केस : एसएमओ
एसएमओ अबोहर डॉ. ओम प्रकाश का कहना है कि उनके पास तो पहले ही डॉक्टरों की कमी है। उनके डॉक्टर अबोहर के साथ सीतो के मरीजों को कैसे संभालें। सीतो गुन्नो के डॉक्टर की ही जिम्मेदारी बनती थी कि वह उस क्षेत्र के मरीज का वहीं पर एमएलसी काटे।
दोनों अस्पतालों में पर्चा कट सकता था, करेंगे जांच : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र कुमार का कहना है कि अबोहर व सीतो अस्पताल के डॉक्टरों की दोनों की जिम्मेदारी बनती है कि वे मरीज का एमएलसी (पर्चा) काट देते। अगर सीतो के डॉक्टर अबोहर में सेवाएं दे रहे हैं तो यहां के डॉक्टर भी उक्त मरीज का पर्चा काट सकते थे। मामले की जांच होगी और डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
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