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    फाजिल्का: एसएमओ की देखरेख में चल रहा डेंगू विरोधी अभियान, घरों और जल स्रोतों का हो रहा निरीक्षण

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 04:12 PM (IST)

    सिविल सर्जन के निर्देशानुसार, एसएमओ की देखरेख में डेंगू विरोधी अभियान चलाया गया। टीम ने घरों में जाकर ब्रीडिंग की जांच की और लोगों को डेंगू से बचाव के बारे में जागरूक किया। एसएमओ ने सक्रिय मरीजों का हालचाल जाना और पानी के स्रोतों की जांच की। लोगों को जल स्रोतों की नियमित जांच करने और लक्षणों के दिखने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी गई। अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

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    सिविल सर्जन के निर्देशानुसार, एसएमओ की देखरेख में डेंगू विरोधी अभियान चलाया गया (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, अबोहर। सिविल सर्जन ड. रोहित गोयल के निर्देशों पर एसएमओ डा. सुरेश कंबोज की देखरेख में डेंगू विरोधी ‘हल्ला बोल’ अभियान के तहत शहर के विभिन्न इलाकों और घरों में ब्रीडिंग जांच, स्प्रे गतिविधियां और जागरूकता के माध्यम से डेंगू और चिकनगुनिया के बचाव बारे जानकारी दी गई।

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    इस अभियान के तहत एसएमओ डा सुरेश कंबोज ने स्वयं फील्ड विजि़ट कर न केवल सक्रिय डेंगू मरीजों का हालचाल जाना बल्कि घरों का दौरा कर पानी के स्रोतों की भी जांच की। पंजपीर क्षेत्र में की गई विजि़ट के दौरान उनके साथ मास मीडिया विंग और एनवीबीडीसीपी शाखा की टीम के कर्मी मौजूद थे।

    डॉ. कंबोज ने बताया कि शहर में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य कर्मियों और ब्रीडिंग चेकर्स द्वारा लगातार सर्वे कर लारवा नष्ट किया जा रहा है और डेंगू से बचाव के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है।

    उन्होंने बताया कि वेक्टर जनित बीमारियों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि को रोकने के लिए अपने आसपास मौजूद पानी के स्रोतों की नियमित जांच की जानी चाहिए और इन्हें सप्ताह में एक बार खाली करके सुखाने के बाद ही दोबारा उपयोग में लाना चाहिए।

    उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में डेंगू मरीजों के इलाज के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही लोगों से अपील की कि सर्वे के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों को सहयोग दें।

    इस मौके पर एनवीबीडीसीपी शाखा से टहल सिंह ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार, उल्टियां, आंखों में दर्द, जोड़ों और हड्डियों में दर्द जैसे लक्षण हों तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवानी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि मच्छर के काटने से बचाव के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और सोते समय मच्छररोधी क्रीम तथा मच्छरदानियों का उपयोग करें। इस अवसर पर एनवीबीडीसीपी शाखा से भारत सेठी, परमजीत सिंह, अमनदीप सिंह और ब्रीडिंग चेकर मौजूद रहे।