कोरोना के संकट में डीसी कर्मी हड़ताल पर, लोग परेशान
पहले कोरोना की मार तो अब कर्मचारियों की हड़ताल ने तहसील परिसर में कार्य करने वालों के लिए तो परेशानी खड़ी की ही है।
जागरण संवाददाता, फाजिल्का : पहले कोरोना की मार, तो अब कर्मचारियों की हड़ताल ने तहसील परिसर में कार्य करने वालों के लिए तो परेशानी खड़ी की ही है। बल्कि दूर दराज गांवों से रजिस्ट्रियां व अन्य कार्य के लिए आने वाले लोगों के लिए भी परेशानी पैदा हो गई है। डीसी कार्यालय के कर्मचारी पिछले चार दिनों से कमलछोड़ हड़ताल पर हैं। भले ही उनके द्वारा कार्य न करके मांगों को लेकर रोष जताया जा रहा है। लेकिन इसका सीधा असर आम लोगों व तहसील परिसर के अलावा अन्य कार्य वाले लोगों पर पड़ रहा है।
कोरोना महामारी के चले पहले दो माह तक सभी कार्य बंद रहे। लेकिन जैसे ही लॉकडाउन और अनलाक शुरू हुआ तो छूट मिलने के साथ साथ डीसी कार्यालय, एसडीएम कार्यालय व तहसील कार्यालय के कार्य शुरू होने लगे। लेकिन अब कर्मचारियों की हड़ताल के चलते फिर से कार्य बंद हो गए हैं। इस बार कर्मचारियों की हड़ताल 2-3 दिन की नहीं है, बल्कि कर्मचारी 14 अगस्त तक हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे 16 अगस्त के बाद ही कार्य शुरू हो पाएंगे। रोजाना की 15 से 20 रजिस्ट्रियां हो रही थी, उस पर भी ब्रेक लग गई है। इसके अलावा कई कार्य जैसे सर्टिफिकेट आदि भी बंद है। जिससे लोगों को रोजाना निराश होकर लौटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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यह हैं यूनियन की मुख्य मांगे
यूनियन की मुख्य मांगों में महंगाई भत्ते की बकाया किश्त जारी करना, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन की बहाली, 6वें वेतन आयोग की सिफारिश को लागू करना, समान कार्य समान वेतन, कैशलेस हेल्थ स्कीम लागू करने, स्टैनो काडर की मांग प्रमुख रूप से शामिल है। इसके अलावा डीसी दफ्तर के कर्मचारियों की वित्तीय व गैर वित्तीय मांगें माल विभाग व पंजाब सरकार के पास लंबित हैं। मजबूरी में संघर्ष करना पड़ा तेज
यूनियन के जिला प्रधान दविदर सिंह ने कहा कि डीसी कार्यालय कर्मचारी लंबे समय से जायज मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन सरकार केवल टाइम पास की नीति अपनाए हुए है। जिसके चलते यूनियन को संघर्ष तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ राह है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी नहीं की तो संघर्ष की नई रूपरेखा तैयार की जाएगी।