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भाई ने ही ली थी परिवार के सात सदस्यों की जान , इसलिए और ऐसे दिया घटना को अंजाम

गांव अमरपुरा निवासी सुरिंद्र सिंह के भाई ने ही जान बूझकर कार गंग कैनाल में गिराई थी जिसके कारण परिवार के सात सदस्याें की माैत हाे गई थी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 06:30 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 12:20 PM (IST)
भाई ने ही ली थी परिवार के सात सदस्यों की जान , इसलिए और ऐसे दिया घटना को अंजाम
भाई ने ही ली थी परिवार के सात सदस्यों की जान , इसलिए और ऐसे दिया घटना को अंजाम

जेएनएन, फाजिल्का। गांव जंडवाला मीरा सांगला में इस साल 26 सितंबर काे हुए कार हादसे में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। गांव अमरपुरा निवासी सुरिंद्र सिंह के भाई ने ही जान बूझकर कार गंग कैनाल में गिराई थी, जिसके कारण परिवार के सात सदस्याें की माैत हाे गई थी। दो माह पहले बलविंद्र सिंह के पारिवारिक सदस्यों ने उससे मारपीट की थी, जिसका वह बदला लेना चाहता था।

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बलविंद्र (45) ने बताया कि मारपीट कर उसे पूरी दोपहर फर्श पर लिटाकर रखा गया। गांव अच्चाडिकी जाते समय उसके हाथ में मौका लगा, तो उसने घटना को अंजाम दे दिया। पुलिस ने खुलासा किया कि हादसे में बच निकले बलविंद्र सिंह ने ही परिवार को जान से मारने के लिए ये साजिश रची थी। पुलिस ने बलविंद्र को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया है। आरोपित बलविंद्र सिंह ऐशपरस्ती करने वाला व्यक्ति था। डीएसपी जगदीश कुमार ने बताया कि पूछताछ के बाद आरोपित को अदालत में पेश किया जाएगा। इसके बाद रिमांड पर लेकर आगे की जानकारी हासिल की जाएगी।

डीएसपी जगदीश कुमार ने बताया कि 26 सितंबर 2019 की सुबह गांव अमरपुरा से एक परिवार कार पर अच्चाडिकी जा रहा था। गांव जंडवाला मीरा सांगला के निकट कार गंग नहर में गिर गई। हादसे में गांव अमरपुरा निवासी सुरिंद्र सिंह, उसकी पत्नी कुलविंद्र कौर, उसके तीन बच्चे सीमा रानी, सोना रानी, बेटे साजन सिंह व मां स्वर्ण कौर की मौत हो गई, जबकि इस हादसे में सुरिंद्र सिंह का बड़ा भाई बलविंद्र सिंह बच निकला था।

मामले की जांच के लिए खुईखेड़ा प्रभारी बलविंद्र सिंह व अन्य पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई। जांच में पता चला कि उक्त कार अचानक स्टेरिंग लॉक होने के कारण नहीं, बल्कि जान बूझकर नहर में गिराई गई। पुलिस ने हादसे में मृतका कुलविंद्र कौर के पिता हरबंस सिंह के बयानों पर बलविंद्र सिंह के खिलाफ धारा 302 के तहत पर्चा दर्ज कर उसे गिरफ्तार भी कर लिया।

इस तरह कड़ी से कड़ी जुड़ती गई

पुलिस ने बताया कि हादसे वाले दिन जब आरोपित बलविंद्र सिंह बचकर बाहर आया तो उसने बताया कि भाई सुरिंद्र सिंह कार चला रहे थे, लेकिन बाद में उन्हें पारिवारिक सदस्यों से पता चला कि घर से निकलते समय कार बलविंद्र सिंह चला रहा था। इस पर पुलिस काे बलविंद्र सिंह पर शक हाे गया। डीएसपी जगदीश कुमार ने बताया कि वह खुद मौके पर गए और अपनी कार से गंग नहर पर बने मोड़ से गाड़ी को घुमाकर देखा।

इस दौरान पुल और मोड़ पर काफी अंतर आ रहा था, जिस पर शक यकीन में बदलने लगा। इसके बाद जब बलविंद्र सिंह से पूछताछ की तो उसने बताया कि घर से गाड़ी उसने चलाई, जबकि शहतीरवाला मोड़ पर उसने सुरिंद्र सिंह को कार दी थी। इस पर पुलिस ने जब CCTV को खंगाला तो उसमें साफतौर पर बलविंद्र सिंह कार चलाता नजर आया। इसके बाद पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर बलविंद्र ने कुबूल कर लिया कि उक्त साजिश को उसने ही अंजाम दिया है।

हादसे से पहले की थी रेकी

बलविंद्र सिंह परिवार के साथ दो बार पहले भी गांव अच्चाडिकी जा चुका था। इस दौरान उसने घटनास्थल के पास शौचा जाने के बहाने कार रोक कर उक्त जगह की रेकी की। इसके बाद तीसरी बार गांव अच्चाडिकी जाते समय इस वारदात को अंजाम दे दिया।

पहले ही ताेड़ दिया कार का शीशा

पुलिस के मुताबिक बलविंद्र सिंह को पहले से ही पता था कि उसने हादसे को अंजाम देना है, इसलिए उसने पहले ही गाड़ी के एक शीशे को तोड़ा हुआ था। जैसे ही कार पानी में गिरी तो वह बाहर निकल आया। हादसे में बलविंद्र सिंह ने जहां अपने भाई के पूरे परिवार की जान ले ली, वहीं अपने आपाहिज बेटे लखविंद्र सिंह को भी मरने के लिए छोड़ दिया।

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