चुनाव खर्च पर लिमिट ने बदला प्रचार का तरीका
अबोहर चुनाव आयोग का चाबुक और प्रचार-प्रसार में खर्च पर लिमिट ने प्रचार का तरीका बदल दिया है। अब प्रत्याशी माइक लगाकर अनाउंसमेंट दीवारों पर पोस्टरबाजी बड़े-बड़े होर्डिग्स झंडे लगाने की बजाय सोशल मीडिया का सहारा लेकर प्रचार कर रहे हैं। नामांकन से लेकर अब चुनावी सभाओं रूठों को मनाने की खबरों वोट डालने की अपील सब कुछ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। फिरोजपुर सीट से चुनाव लड़ रहे शिअद प्रत्याशी सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस प्रत्याशी शेर सिंह घुबाया फेसबुक के माध्यम से अपने प्रचार में जुटे हुए हैं।
प्रवीण कथूरिया, अबोहर : चुनाव आयोग का चाबुक और प्रचार-प्रसार में खर्च पर लिमिट ने प्रचार का तरीका बदल दिया है। अब प्रत्याशी माइक लगाकर अनाउंसमेंट, दीवारों पर पोस्टरबाजी, बड़े-बड़े होर्डिग्स, झंडे लगाने की बजाय सोशल मीडिया का सहारा लेकर प्रचार कर रहे हैं। नामांकन से लेकर अब चुनावी सभाओं, रूठों को मनाने की खबरों, वोट डालने की अपील सब कुछ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।
फिरोजपुर सीट से चुनाव लड़ रहे शिअद प्रत्याशी सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस प्रत्याशी शेर सिंह घुबाया फेसबुक के माध्यम से अपने प्रचार में जुटे हुए हैं। इनके कार्यक्रमों को साथ ही साथ फेसबुक पर या तो लाइव दिखाया जा रहा है या थोड़ी-थोड़ी देर बाद शेयर किया जा रहा है। इनके समर्थक भी आगे इन पोस्टों को शेयर कर रहे हैं। सुखबीर के नाम से फेसबुक पेज पर उनके हर कार्यक्रम या सभा की वीडियो और फोटो शेयर हो रही हैं। सुखबीर बादल के फेसबुक पेज को 24 लाख 47 हजार 443 लोगों ने लाइक कर रखा है और एक क्लिक के साथ पल भर में उनकी बात लोगों तक पहुंच रही है।
कांग्रेस प्रत्याशी शेर सिंह घुबाया भी फेसबुक पेज और फेसबुक अकाउंट पर अपनी हर चुनावी गतिविधि को शेयर कर रहे हैं। हालांकि उनके पेज को लाइक करने वालों की संख्या अभी 7912 ही है, वहीं उनके फेसबुक अकाउंट में 4997 लोग जुड़े हुए हैं। प्रत्याशियों ने वाट्सएप पर चलने वाले न्यूज ग्रुपों का सहारा लेना भी शुरू कर दिया है। ग्रुप एडमिन की मदद से अपने चुनावी प्रचार को गति दे रखी है। इस तरह सोशल मीडिया के बढ़ते क्रेज का फायदा राजनीतिक दल व उनके प्रत्याशी उठा रहे हैं। सोशल मीडिया उनके प्रचार का सशक्त साधन बन चुका है। वाट्सएप, ट्वीटर और फेसबुक पर सक्रिय प्रत्याशियों के समर्थक अपने प्रत्याशी को वोट करने की अपील करते हुए प्रचार सामग्री पोस्ट कर रहे हैं। इतना ही नहीं, माहौल बनाने के लिए उम्मीदवार के पिछले कार्यो की भी समीक्षा की जा रही है। साथ ही समर्थक अपने प्रत्याशी के लिए जनमत बनाने के लिए ग्रुप से जुड़े लोगों से सवाल पूछ रहे हैं कि वह किसे अगला एमपी चुनेंगे। इसके पक्ष-विपक्ष में आने वाले कमेंट्स पर खूब बहस भी हो रही है।