चार साल से अबोहर-श्रीगंगानगर मार्ग पर अंडरपास का काम ठंडे बस्ते में
अबोहर अबोहर-श्रीगंगानगर मार्ग पर रेलवे फाटक वाली जगह पर 2015 के रेलवे बजट में अंडरपास बनना मंजूर हुआ था लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। अंडरपास न बनने से लाइन पार रहने वाली 50 हजार से अधिक आबादी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रवीण कथूरिया, अबोहर : अबोहर-श्रीगंगानगर मार्ग पर रेलवे फाटक वाली जगह पर 2015 के रेलवे बजट में अंडरपास बनना मंजूर हुआ था, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। अंडरपास न बनने से लाइन पार रहने वाली 50 हजार से अधिक आबादी को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। तत्कालीन विधायक सुनील जाखड़ ने केंद्र सरकार से करीब साढ़े पांच करोड़ की लागत से बनने वाले इस अंडरपास को मंजूर करवाया था। अंडरपास मंजूर होने के बाद इसका सर्वे भी किया गया। टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हुई, लेकिन इसके बाद यहां से गुजरने वाली सीवर लाइन को शिफ्ट करने में नगर कौंसिल ने रुचि नहीं दिखाई, लिहाजा यह काम ठंडे बस्ते में पड़ गया।
अंडरपास न बनने से दिन में करीब दो दर्जन रेलगाडि़यों के आवागमन से इस फाटक को बंद किया जाता है। लोगों को रेलवे फाटक बंद होने पर रुकना पड़ता है, इनमें स्कूली बच्चे व सरकारी कर्मी भी शामिल होते हैं। इस दौरान वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं। गर्मी के मौसम में तो लोग फाटक खुलने के इंतजार में बेहाल हो जाते हैं। क्षेत्रीय कांग्रेस प्रभारी संदीप जाखड़ ने माना कि यह समस्या गंभीर है। उन्होंने कहा कि पिछली अकाली भाजपा सरकार ने शहर के हित में कोई प्रयास ही नहीं किए। अब जब शहर में विकास कार्य तेजी से शुरू हो रहे हैं तो वे अंडरपास बनने की प्रक्रिया के बारे में भी पता करेंगे कि कहां अड़चन आ रही है।
फाटक बंद होने से लग जाता है जाम
एंबुलेंस व शव यात्रा को भी इसी रास्ते से गुजरना होता है व अनेक बार एंबुलेंस व शव यात्रा बंद फाटक की भीड़ में फंस जाती है। बाईपास के अलावा इस मार्ग को आने-जाने का कोई अन्य रास्ता नहीं है। नर सेवा नारायण सेवा समिति के प्रधान राजू चराया, श्री बालाजी मानव सेवा समिति के प्रधान रजत लूथरा, श्री बालाजी समाजसेवा संघ के प्रधान गगन मल्होत्रा, जोकि एंबुलेंस का संचालन भी करते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार इमरजेंसी में आने-जाने वाले मरीज को भी फाटक बंद होने पर रुकना पड़ता है व एंबुलेंस वाहनों की भीड़ में फंस जाती है। शव यात्रा लेकर श्मशानघाट जा रहा शव वाहन भी यहां पर फंसते देखा गया है।