बेटियों ने अर्थी को कंधा दे मां की अंतिम इच्छा की पूरी
अबोहर : मां की अंतिम इ'छा थी कि उसके मरणोपरांत दोनों बेटियां भी अर्थी को कंधा दें। मां के निधन के बाद बेटियों ने इ'छा को पूरा किया। बुधवार को अबोहर की धर्म गली नंबर-2 निवासी डेरा प्रेमी बलवंत नोखवाल की भाभी देवकी (85) पत्नी स्व. दुली चंद नोखवाल का निधन होने पर उनकी अर्थी को बेटियों ने कंधा दिया।
जागरण संवाददाता, अबोहर : मां की अंतिम इच्छा थी कि उसके मरणोपरांत दोनों बेटियां भी अर्थी को कंधा दें। मां के निधन के बाद बेटियों ने इच्छा को पूरा किया। बुधवार को अबोहर की धर्म गली नंबर-2 निवासी डेरा प्रेमी बलवंत नोखवाल की भाभी देवकी (85) पत्नी स्व. दुली चंद नोखवाल का निधन होने पर उनकी अर्थी को बेटियों ने कंधा दिया। वीरवार को देवकी का निधन हुआ था। अभी तक उनके पूर्वजों की अर्थी को उनके पुत्रों ने ही कंधा दिया था, लेकिन अब पूर्वजों को कंधा देने में बेटिया भी कम नहीं रही हैं। बेटों व बेटियों में कोई फर्क न समझते देवकी इंसा के परिजनों व पुत्रियों ने एक मिसाल कायम की है। पारिवारिक सदस्य बलवंत नौखवाल ने बताया कि उनकी भाभी ने बेटे बेटियों में कभी भेदभाव नहीं किया था। उनकी भाभी के एक बेटा है व दो बेटियां हैं, सभी विवाहित हैं और वह अकसर कहा करती थीं कि उसके मरने के बाद उसकी अर्थी को बेटियां भी कंधा दें। उनकी इच्छा पूरी करते हुए अंतिम संस्कार में बेटियों ने भी कंधा दिया। भाई ने कहा कि उसे बहनों पर नाज है। मा की शव यात्रा के दौरान डेरा सच्चा सौदा के विभिन्न ब्लॉकों की साध-संगत तथा उनके रिश्तेदारों सहित शहर के गणमान्य लोग उपस्थित हुए।