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पुस्तकों का समृद्ध संसार ज्ञान प्रदान करता है बशर्ते उन्हें मित्र बना कर रखें : स्मिता शर्मा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली के आह्वान पर डीएवी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल अबोहर में विश्व साक्षरता दिवस पर विद्यार्थियों में पुस्तकें पढ़ने की रुचि को अत्यधिक बलवती करने के उद्देश्य से एक विशेष पखवाड़े के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । विद्यालय के सृजन सभागार में आयोजित पुस्तक समीक्षात्मक सत्र कार्यक्रम में छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 11:09 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 11:09 PM (IST)
पुस्तकों का समृद्ध संसार ज्ञान प्रदान करता है बशर्ते उन्हें मित्र बना कर रखें : स्मिता शर्मा
पुस्तकों का समृद्ध संसार ज्ञान प्रदान करता है बशर्ते उन्हें मित्र बना कर रखें : स्मिता शर्मा

जागरण संवाददाता, अबोहर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली के आह्वान पर डीएवी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल अबोहर में विश्व साक्षरता दिवस पर विद्यार्थियों में पुस्तकें पढ़ने की रुचि को अत्यधिक बलवती करने के उद्देश्य से एक विशेष पखवाड़े के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । विद्यालय के सृजन सभागार में आयोजित पुस्तक समीक्षात्मक सत्र कार्यक्रम में छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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प्रिसिपल स्मिता शर्मा के निर्देशन में पाठ्य सहायक गतिविधियों की प्रभारी आदर्श जैन व मिडिल खंड की समन्वयक बिदु चावला के पर्यवेक्षण में आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा ग्रीष्म अवकाश के दौरान पढ़ी गई पुस्तकों पर विस्तार से चर्चा की गई व पुस्तक को पढ़कर प्राप्त किए गए अनुभव, समीक्षा व शिक्षा को उपस्थिति के साथ सांझा किया गया।

विद्यार्थियों को स्मिता शर्मा ने कहा कि पुस्तकें हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। वे हमारी श्रेष्ठ मित्र भी हैं। उन्होंने कहा कि पुस्तकों का समृद्ध संसार हमें अपार ज्ञान प्रदान करता है बशर्ते कि हम उन्हें अपना मित्र बना कर रखें। उन्होंने कहा कि पुस्तकें हमारी ऐसी मित्र हैं जो बदले में हम से कुछ नहीं चाहती। वे सदैव जीवन सुधारने की शिक्षा देती हैं। वे साहस और धैर्य प्रदान करती हैं। अच्छा साहित्य हमें अमृत की तरह प्राण शक्ति देता है। हमें केवल पुस्तकों का अध्ययन ही नहीं करना चाहिए, बल्कि अध्ययन के पश्चात मनन भी करना चाहिए ।

उन्होंने कहा कि उत्तम विचारों से युक्त पुस्तकों के प्रचार और प्रसार से देश के भावी कर्णधारों को नई दिशा दी जा सकती हैं। देश की एकता और अखंडता का पाठ पढ़ाया जा सकता है और एक सबल राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों से पुस्तकों का आदान प्रदान कर पढ़ने की बात भी कही। समीक्षात्मक सत्र में अलग-अलग कक्षाओं के विद्यार्थियों उदय, शौर्य, अर्शिया, कलश, गौतम गर्ग, गुंजन, दीपांशी, नबी नूर, अदिति जैन, द्वारा पढ़ी गई पुस्तकों की समीक्षा को पढ़ा गया। कार्यक्रम के दौरान हिदी विभाग के अध्यापक नीरज शर्मा द्वारा सफदर हाशमी की कविता किताबें कुछ कहना चाहती हैं पढ़ी गई। पाठ्य सहायक गतिविधियों की प्रभारी आदर्श जैन द्वारा पुस्तकें हमारी मित्र विषय पर पंजाबी आलेख भी पढ़ा गया। इस अवसर पर स्कूल सुपरवाइजर सुनीता सहगल राजेश सेतिया व अलग-अलग कक्षाओं के प्रभारी विशेष रूप से उपस्थित थे।


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