डीएवी कालेज के 170 छात्रों ने लगवाई वैक्सीन
डीएवी शिक्षा महाविद्यालय के प्रांगण में मंगलवार को कोविड टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया। कैंप में सरकारी अस्पताल की डाक्टरो टीम का पूरा सहयोग रहा।
संस, अबोहर : डीएवी शिक्षा महाविद्यालय के प्रांगण में मंगलवार को कोविड टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया। कैंप में सरकारी अस्पताल की डाक्टरो टीम का पूरा सहयोग रहा।
प्रिसिपल डा. उर्मिल सेठी ने बताया कि कोविड-19 का टीका दुनिया भर में लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट तथा मन में संतोष लाया है। कोरोना का टीका लगवाने के बाद ही सभी लोग इस महामारी से अपने जीवन की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कैंप में कुल 170 विद्यार्थियों के साथ-साथ शहर वासियों ने भी टीकाकरण कैंप का फायदा उठाया। इस दौरा अबोहर के सीनियर मेडिकल आफिसर डा. गगनदीप सिंह, इंचार्ज वैक्सीनेशन डा. दीक्षी बब्बर, आशा वर्कर सुनीता रानी, कौशल्या रानी, राणा, विनीत खुंगर, मनजीत सिंह, मनीष , कुनाल, विनोद व श्रीकांत का विशेष सहयोग रहा।
कटारिया ने संभाला सीएचटी का पदभार संस, अबोहर : अभिषेक कटारिया ने सरकारी प्राइमरी स्कूल झोरडखेड़ा में बतौर सेंटर हेड टीचर पदभार संभाल लिया है। वह इससे पहले सरकारी प्राइमरी स्कूल खीवा जालंधर में तैनात थे। इस मौके पर बीपीईओ सतीश मिगलानी ने उन्हें ज्वाइन करवाते हुए शुभकामनाएं दी व अपनी डयूटी मेहनत व लगन से निभाने की प्रेरणा दी।
अभिषेक कटारिया ने कहा कि वह अपने अधीन सेटर नंबर एक पर लाने का भरपूर प्रयास करेंगे। इस मौके पर सरकारी प्राइमरी स्कूल बहादुरखेड़ा के स्कूल हैड सुनील वर्मा ने उनका मुंह मीठा करवा कर बधाई दी।
डेंगू के खिलाफ किया जागरूक संवाद सूत्र, खुईखेड़ा : सिविल सर्जन फाजिल्का डा. दविदर ढांडा व सीएचसी खुईखेड़ा के एसएमओ डा. रोहित गोयल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की ओर से लोगों को डेंगू के खिलाफ जागरूक करने के लिए गांव खुईखेड़ा में कैंप लगाया गया।
इस मौके ब्लाक मास मीडिया इंचार्ज सुशील बेगांवाली ने लोगों को बताया कि डेंगू से बचने के लिए अपने घरों के आसपास व घरों में रखे खाली बर्तनों में साफ पानी अधिक दिनों तक जमा न रहने दें। क्योंकि डेंगू का मच्छर गंदे नहीं बल्कि साफ पानी पर पनपता है और दिन के समय काटता है। हेल्थ सुपरवाइजर लखविदर सिंह ने कहा कि सिर दर्द व तेज बुखार होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं। हेल्थ वर्कर चंद्रभान ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन गावों में घर-घर जाकर उनके फ्रिज की ट्रे, गमलों आदि में खड़े पानी की जांच की जा रही है। ताकि डेंगू के लारवे को वहीं पर ही नष्ट किया जा सके।