एक ही दिन डेगू के 13 मरीज आए सामने, सेहत विभाग सर्तक
डेंगू ने शहर में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। 10 अक्टूबर को 13 डेंगू के केस पॉजीटिव पाए गए।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : डेंगू ने शहर में पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। 10 अक्टूबर को 13 डेंगू के केस पॉजीटिव पाए गए। इसे लेकर सेहत विभाग सतर्क हो गया है। इन 13 केसों में कुछ मरीज बाहर तो कई शहर के प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे थे। सिविल सर्जन फाजिल्का ने स्वयं मरीजों के घरों में जाकर डेंगू के फैलने के कारणों के बारे में जानकारी हासिल की।
अब तक फाजिल्का जिले में डेंगू के 38 केस हुए हैं, लेकिन 10 अक्टूबर को 13 केस पॉजीटिव पाए गए। सिविल सर्जन डॉ. दलेर मुल्तानी ने बताया कि वह स्वयं एक ऐसे घर में पहुंचे, जहां एक घर में तीन बहनें एक साथ ही डेंगू बुखार से पीड़ित थीं। उनके कमरे के बाहर कूलर पानी के साथ भरा था। उसमें डेंगू का लारवा पाया गया। मौके पर ही उसकी सफाई करने के आदेश जारी किए। डॉ. मुलतानी ने बताया कि शुक्रवार सुबह से ही स्पेशल ब्रीडर चेकिग, सर्वे, डेंगू के बारे में जानकारी चल रही है और फॉगिंग करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि तेज बुखार होना, दस्त/उल्टी आना और शरीर में दर्द होने के अलावा कई बार शरीर पर लाल धब्बे भी बन जाते हैं। यदि डेंगू बुखार ज्यादा खतरनाक हो जाए तो शरीर के किसी भी अंग में रक्त का निकलना शुरू हो सकता है, जैसे दांतों, मसूड़ों और पेशाब के रास्ते खून आना आदि।
पैरासिटामोल की गोली लें
डॉ. मुलतानी ने कहा कि डेंगू का कोई पक्का इलाज या दवा नहीं है, लेकिन यदि बुखार हो तो सिर्फ पैरासिटामोल की गोली ही लेनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। इस मौके पर जिला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू व सुखजिंदर सिंह भी मौजूद थे।
मरीज सरकारी अस्पताल में करवाए चेकअप
सिविल सर्जन डॉ. दलेर मुल्तानी ने बताया कि देखने में आया कि कई लोगों ने डेंगू के लक्षण के पता चलने पर अपना ईलाज प्राइवेट व बाहर के अस्पताल में शुरू करवाया हुआ है। लेकिन डेंगू के लक्षणों के बारे में पता चलते ही सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क टेस्ट करवाने चाहिए, जिसके बाद उनका इलाज भी निशुल्क होता है। अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए स्पेशल कमरे बनाए गए हैं, जिसमें मरीजों को रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि डेंगू के बारे में लोगों की गलत धारणाओं जैसे कि बकरी का दूध या कीवी फल खाने के साथ प्लेटलेट्स सेलबढ़ जाते हैं, यह बिल्कुल गलत है। लोगों को इस पर निर्भर न रहकर बुखार होने पर सरकारी अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए।