चार माह पहले कनाडा गए युवक की मौत, शव लाने के लिए पैसे नहीं
फतेहगढ़ साहिब विदेशी धरती ने फतेहगढ़ साहिब में एक मां के जिगर का टुकड़ा छीन लिया।
सुखवीर सुख, फतेहगढ़ साहिब
विदेशी धरती ने फतेहगढ़ साहिब में एक मां के जिगर का टुकड़ा छीन लिया। आइटी क्षेत्र में नाम कमाने का सपना लेकर चार माह पहले कनाडा गए युवक की चार जुलाई को बीच में डूबने से मौत हो गई। इस घटना के साथ ही पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में रंधावा कॉलोनी अत्तेवाली में रहते परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। कोरोना के चलते युवक के पिता भी दुबई से नहीं लौट पा रहे हैं। वहीं, युवक के शव को पंजाब लाने में दिक्कतें आ रही हैं। मुसीबत की इस घड़ी में परिवार को चारों तरफ से सहारे की जरूरत है। बेटे की मौत के बाद मां जसवंत कौर सदमे में हैं। दिन-रात बेटे का नाम लेकर पुकार रही मां को इंजेक्शन और दवाओं के सहारे सुलाया जा रहा है। बहन हर्षपिदर कौर का भी रो-रोकर बुरा हाल था। मृतक जशनदीप सिंह (19) के मामा निर्मल सिंह ने बताया कि 12वीं के बाद भांजे का सपना विदेश में जाकर आइटी क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण करके नाम कमाना था। जिसके चलते जश्नदीप पांच मार्च को कनाडा में स्टडी वीजा पर गया था। कनाडा में जशनदीप ओटावा में रहता था। चार जुलाई को जशन अपने दोस्तों के साथ घूमने गया था। बीच में नहाते समय पानी के तेज बहाव में डूबने से उसकी मौत हो गई। पिता बलविदर सिंह करीब छह वर्षों से दुबई में काम करते हैं। कोरोना के चलते उनका घर आना भी फिलहाल मुश्किल बना हुआ है। बेटे की मौत के बाद पिता दुबई में विलाप कर रहे हैं और परिवार यहां उसके शव के इंतजार में है। 20 लाख लोन लेकर कनाडा भेजा था जशनदीप
बेटे का सपना पूरा करने के लिए परिवार ने कोई कमी नहीं छोड़ी थी। कनाडा स्टडी वीजा पर करीब बीस लाख रुपये खर्च बताने के बाद बेटे को हिम्मत देते हुए मां-बाप ने करीब बीस लाख रुपए का लोन लिया था। लोन की रकम से जशनदीप को इस उम्मीद से कैनेडा भेजा गया था कि वे वहां जाकर कामकाज के साथ कमाई करके लोन लौटा देगा। लेकिन इस परिवार ने सदा के लिए बेटे ही गंवा लिया।
दोस्त दे रहे साथ, सोशल मीडिया पर जुटाए 17845 डॉलर
जशनदीप की मौत के बाद शव को पंजाब परिवार के पास भेजने के लिए दोस्त पूरा साथ दे रहे हैं। दोस्ती का फर्ज निभाते हुए इन लोगों ने कनाडा में सोशल मीडिया पर फंड इकट्ठा करने का अभियान शुरू किया। जिसमें पंद्रह हजार डॉलर का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन विदेशी जमीन पर पंजाबी छात्रों की एक दूसरे के लिए हमदर्दी देखो कि दो दिनों में 17845 डॉलर इकट्ठे करके शव को घर भेजने की कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी गई। अब जशनदीप के दोस्तों का प्रयास है कि वे अंतिम संस्कार और भोग पर होने पर खर्च को लेकर भी परिवार की कुछ मदद अपनी तरफ से करें।