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दुख में प्रभु सिमरन करना चाहिए: स्वामी देवेंद्रा

वार्षिक मानव एकता महासंत सम्मेलन मानवता व एकता का संदेश देते हुए रविवार को समाप्त हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 06:04 PM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 06:29 AM (IST)
दुख में प्रभु सिमरन करना चाहिए:  स्वामी देवेंद्रा
दुख में प्रभु सिमरन करना चाहिए: स्वामी देवेंद्रा

संवाद सहयोगी, फतेहगढ़ साहिब : सरहिद शहर के श्री दशनामी अखाड़ा में चल रहा तीन दिवसीय वार्षिक मानव एकता महासंत सम्मेलन मानवता व एकता का संदेश देते हुए रविवार को समाप्त हो गया। इस तीन दिवसीय सम्मलेन में देश के विभिन्न अखाड़ों से शामिल संतों ने भक्ति रस की बरसात कर संगत को निहाल किया। संतों ने कहा कि प्रभु अपने सभी भक्तों को प्यार करते है। जो कोई भी सच्चे मन से अपने प्रभु को याद करता है, प्रभु उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी करते है। श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर महंत ईश्वरा नंद गिरी जी, स्वामी ब्रह्म नंदी जी ने कहा कि इंसान को अपने व्यस्त जीवन में से थोड़ा समय निकाल प्रभु का ध्यान लगाने तथा संतों की संगत भी जरूर करनी चाहिए। स्वामी देवेंद्रा नंद ने कहा कि सुख की तलाश तो सभी करते है, लेकिन दुख की कोई नहीं। अगर दुख में प्रभु सिमरन किया जाए तो मानव को सभी सुख मिलते है। सभी को गुरुओं व धार्मिक ग्रंथों के कहे के अनुसार हमें अच्छे कर्म करने चाहिए। इस अवसर पर आचार्य योग राज शास्त्री, डॉ. अश्वनी चोपड़ा, हरीश कुमार व संगत उपस्थित थी।

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