मानवता व एकता का संदेश देते हुए संत सम्मेलन का समापन
50वां वार्षिक मानव एकता महा संत सम्मेलन मानवता व एकता का संदेश देते हुए रविवार को समाप्त हो गया।
संवाद सहयोगी, सरहिद : सरहिद शहर के श्री दशनामी अखाड़ा में चल रहा तीन दिवसीय 50वां वार्षिक मानव एकता महा संत सम्मेलन मानवता व एकता का संदेश देते हुए रविवार को समाप्त हो गया। पूरे सम्मलेन में विभिन्न अखाड़ों से शामिल संतों ने भक्ति रस की बरसात कर संगत को निहाल किया। संतों ने कहा कि प्रभु अपने सभी भक्तों को प्यार करते हैं जो कोई भी सच्चे मन से अपने प्रभु को याद करता है, प्रभु उनकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी करते है। श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर महंत ईश्वरा नंद गिरी व संतों ने कहा कि इंसान को अपने व्यस्त जीवन में थोड़ा समय निकाल प्रभु का ध्यान लगाने तथा संतों की संगत भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुख की तलाश सभी करते हैं पर दुख की कोई नही। अगर दुख में प्रभु सिमरन किया जाए तो मानव को सभी सुख मिलते है। रविवार को प्रवचन करते हुए पंडित बाल कृष्ण ने कहा कि संतों महापुरुषों का सत्कार करते हुए अपने से छोटों को भी आदर देना चाहिए। सभी मनुष्यों को गुरुओं व धार्मिक ग्रंथों के कहे अनुसार चल अच्छे कर्म करने चाहिए। सम्मलेन में संतों के कीर्तन ने सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया तथा अखाड़े की ओर से लंगर की सेवा भी की गई। इस मौके आचार्य योग राज शास्त्री, डाक्टर अश्विनी चोपड़ा, हरीश कुमार सहित संगत मौजूद थी।
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प्रकाश पर्व को समर्पित नगर कीर्तन निकला
गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को समर्पित गुरुद्वारा संत दरबार साहिब बलबेड़ा में गुरुद्वारा साहिब समिति ने संगत के सहयोग से नगर कीर्तन सजाया गया। नगर निवासियों और मार्केट की तरफ से नगर कीर्तन का स्वागत किया गया। इस दौारन जगह-जगह लंगर लगाकर संगत की सेवा की गई। गुरुद्वारा साहिब के हेड भाई लखविंदर सिंह ने बताया कि श्री अखंड पाठ के पाठ शुरू हो गए हैं। 30 नवंबर को गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के मौके पाठ का भोग व दीवान सजाए जाएंगे। इस मौके पर रागी जत्थे संगत को गुरबाणी से जोड़ेंगे।