मन में ईष्र्या रूपी मंथरा तो नहीं मिलते राम : आचार्य दिनेश
महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में सरहिद शहर के शिव दवाला मंदिर दशहरा ग्राउंड में मंदिर श्रीराम कथा का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, सरहिद : महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में सरहिद शहर के शिव दवाला मंदिर दशहरा ग्राउंड में मंदिर कमेटी की ओर से करवाई जा रही श्री राम कथा करते हुए आचार्य दिनेश ने दो वरदान प्रसंग के माध्यम से बताया कि किस प्रकार प्रभु श्री राम को सबसे अधिक स्नेह करने वाली कैकेयी, मंथरा के विचारों में फंस कर महाराज दशरथ से श्रीराम के लिए वन व भरत के लिए राज्य की मांग करती है। महाराज दशरथ को न चाहते हुए भी अपने दिल पर पत्थर रख राम को वन भेजना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इस नश्वर संसार को इंसान अपना समझ रहा है, परंतु वह ईश्वर जिसने इंसान को जीवन दान दिया, जो उसका वास्तविक साथ निभाने वाला है उसे ही पराया समझ लिया। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति के जीवन में लोभ की प्रवृति बढ़ जाती है, ईष्र्या रूपी मंथरा घर कर लेती है तो वह हमारे जीवन में राम को कोसों दूर कर देती है। इस मौके मोहन जीत पटवारी, सुरेन्द्र कुमार, पुजारी कैलाश व्यास, राकेश कुमार, संजीव कुमार के अलावा भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।