भक्ति के मार्ग में अहंकार है सबसे बड़ी बाधा : आचार्य दिनेश
महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में सरहिद शहर के शिव दवाला मंदिर दशहरा ग्राउंड में मंदिर कमेटी की ओर से करवाई जा रही श्री राम कथा की चतुर्थ सभा में कथा व्यास आचार्य दिनेश ने राम विवाह प्रसंग सुनाई।
संवाद सहयोगी, सरहिद : महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में सरहिद शहर के शिव दवाला मंदिर दशहरा ग्राउंड में मंदिर कमेटी की ओर से करवाई जा रही श्री राम कथा की चतुर्थ सभा में कथा व्यास आचार्य दिनेश ने राम विवाह प्रसंग सुनाई। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम जब स्वयंवर सभा में पहुंचे तो उन्होंने महाराज जनक की शर्त के अनुसार धनुष तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि धनुष प्रतीक है अहंकार का। इस लीला के माध्यम से प्रभु श्री राम हमें बताना चाहते हैं कि जब तक आप के अन्त: करण में अहंकार के मेघ हैं तब तक राम और सीता का मिलन संभव ही नहीं हो सकता। श्री राम भाव ईश्वर और श्री सीता जी भाव हमारी आत्मा। इस स्वयंवर से भाव प्रत्येक आत्मा का ईश्वर से मिलन है। अंत: जीवात्मा के घट में आत्मा एवं परमात्मा का मिलन तभी संभव है जब अहंकार के बादल छट जाए।
आचार्य दिनेश ने बताया कि भक्ति मार्ग में सबसे बड़ी बाधा ही अंहकार है। तत्पश्चात परशुराम जी का आगमन हुआ और उन्होंने जब मन की आंखों से श्रीराम की ओर अवलोकन किया तो समझते देर न लगी कि साक्षत भगवान ने इस धरा पर अवतार लिया है। यही बात हमारे जीवन में भी लागू होती है। हम भी ईश्वर को बाहरी चर्म चक्षुओं से ढूंढते या उसे देखने का प्रयास करते हैं परंतु इन आंखों से तो हम संसार को भी पूरी तरह से समझ नहीं पाते तो वह ईश्वर भला इन आंखों से कैसे देखा जा सकता है?
इस मौके श्री हनुमान सेवा दल की ओर से प्रसाद की सेवा निभाई गई। मंदिर कमेटी के मैनजर एडवोकेट नरेंद्र शर्मा व एडवोकेट एनके पुरी ने बताया कि तय कार्यक्रम अनुसार कथा शाम 3 बजे से 7 बजे तक होगी। 20 फरवरी को अलौकिक शिव बारात निकाली जाएगी तथा 21 फरवरी को शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। इस मौके मोहन जीत पटवारी, सुरेंद्र कुमार, पुजारी कैलाश व्यास, राकेश कुमार, संजीव कुमार, मोहित, लेखराज वर्मा आदि उपस्थित थे।