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Dussehra 2022: फतेहगढ़ साहिब के गांव चनारथल कलां में रामलीला शुरू

Dussehra 2022 इस ऐतिहासिक गांव में हो रही रामलीला 160 वर्ष पुरानी है। रामलीला समिति द्वारा सरपंच जगदीप सिंह नंबरदार सहित सभी पंचायत सदस्यों को विशेष रूप से सम्मानित किया। रामलीला समिति के अध्यक्ष एवं सरपंच जगदीप सिंह नंबरदार ने इस अवसर पर विचार व्यक्त किए।

By Suresh KamraEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2022 04:55 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 04:56 PM (IST)
Dussehra 2022: फतेहगढ़ साहिब के गांव चनारथल कलां में रामलीला शुरू
Dussehra 2022: गांव चनारथल कलां में रामलीला शुरू। (जागरण)

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब। Dussehra 2022: हमारी संस्कृति और धार्मिक परंपराएं बहुत महान हैं, जिनसे हमें सत्य के लिए लड़ने की प्रेरणा मिलती है। इन्हीं महान आदर्शों के कारण भारत की जनता सत्य के लिए संघर्ष करती रही है। आगे भी जनता संघर्ष करते हुए अपने अधिकारों पर किसी भी प्रकार की ज्यादती, छल-कपट बर्दाश्त नहीं करेगी। यह विचार रामलीला समिति के अध्यक्ष एवं सरपंच जगदीप सिंह नंबरदार ने गांव चनारथल कलां में रामलीला के प्रथम दिन का शुभारंभ करने के अवसर पर व्यक्त किए।

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गांव में हो रही रामलीला 160 वर्ष पुरानी

जिले के इस ऐतिहासिक गांव में हो रही यह रामलीला 160 वर्ष पुरानी है। इस दौरान रामलीला समिति द्वारा सरपंच जगदीप सिंह नंबरदार सहित सभी पंचायत सदस्यों को विशेष रूप से सम्मानित किया। इस अवसर पर ब्लाक समिति सदस्य लखविंदर सिंह लखी, गुरसेवक सिंह सोनी, रंजीत सिंह, कर्मजीत सिंह सभी पंच, ठेकेदार स्वर्णदीप सिंह समिति के अध्यक्ष जग्गा सिंह, रूप चंद, संजीव कुमार बातिश, संजय कुमार, मंच सचिव हरमिंदर सिंह पप्पू, गुरप्रीत सिंह, हंस राज, यादविंदर सिंह, रवि सिंह, चंदन केशव, गुरमेल सिंह उपस्थित रहे।

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यह भी पढ़ेंः- प्राचीन वस्तुएं युवा पीढ़ी के लिए अमूल्य खजाना

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब: जिले के संघौल के ऊंचा गांव में सभ्यता से जुड़ी प्राचीन वस्तुएं युवा पीढ़ी के लिए एक अमूल्य खजाने की तरह हैं। उनको देखकर प्राचीन काल के लोगों की आदतों के बारे में हमें पता चलता है। डीसी परनीत शेरगिल ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर संघौल स्थल पर संख्या पांच में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से जुड़ी यह वस्तुएं उस समय के पुरुष व महिलाओं के तौर-तरीकों और आभूषणों के साथ-साथ रहन-सहन के तौर-तरीकों पर भी प्रकाश डालती हैं।


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