मेहनत को बना डाला छप्पड़, बचाने के लिए प्रतिदिन 800 रुपये धुएं में फूंक रहा किसान
बीते दिन हुई बारिश के कारण जिले के गांव संगतपुरा सोढियां में एक किसान की तीन एकड़ गेहूं की खड़ी फसल में ओवरफ्लो होकर छप्पड़ का पानी भर गया है। किसान ने पंचायत पर छप्पड़ की सफाई ना करने व दो अन्य छप्पड़ों का पानी भी खेत के पास बने छप्पड़ में छोड़ने के आरोप लगाकर जिला प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की है। दूसरी ओर जिला प्रशासन व पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल उस समय उठने लगे जब मेहनत को बचाने के लिए किसान खुद ही छप्पड़ में डीजल इंजन पंप से पानी निकालने में लग गया।
संवाद सहयोगी, सरहिद : बीते दिन हुई बारिश के कारण जिले के गांव संगतपुरा सोढियां में एक किसान की तीन एकड़ गेहूं की खड़ी फसल में ओवरफ्लो होकर छप्पड़ का पानी भर गया है। किसान ने पंचायत पर छप्पड़ की सफाई ना करने व दो अन्य छप्पड़ों का पानी भी खेत के पास बने छप्पड़ में छोड़ने के आरोप लगाकर जिला प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की है। दूसरी ओर, जिला प्रशासन व पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवाल उस समय उठने लगे जब मेहनत को बचाने के लिए किसान खुद ही छप्पड़ में डीजल इंजन पंप से पानी निकालने में लग गया। जिसका प्रतिदिन का खर्च आठ सौ रुपये आ रहा है। इसके कारण उसका आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसान हरविदर सिंह और हरप्रीत सिंह ने भरे मन के साथ बताया कि गांव में और भी दो छप्पड़ हैं जिनका पानी पंचायत की मोटरों के साथ भूमिगत पाइपों द्वारा उनके खेत के पास बने छप्पड़ में छोड़ा जा रहा है। पिछले दो दिन की बारिश से छप्पड़ का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर उनकी तीन एकड़ गेहूं की पकी फसल में जमा हो गया है। खेतों से आगे छप्पड़ के पानी की कोई निकासी नहीं है। यह सिलसिला पिछले दो साल से जारी है। गंदा पानी निकालने के लिए 1.25 लाख रुपये खर्च कर जमीन में बोर करवाना पड़ा। अब परेशानी से आहत हुए किसान के परिवार ने अदालत में केस दायर करने की चेतावनी दी है।
आदेश के बाद डीडीपीओ ने की अनदेखी
पीड़ित किसान समस्या के हल के लिए कई बार जिला प्रशासन के पास गुहार लगा चुका है। ग्रामीण और पंचायत विकास सचिव को 2018 में पत्र लिखकर अवगत करवाया गया। वहीं डीडीपीओ को समस्या का हल करने के आदेश भी जारी हुए थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
कब्जा करने से पेश आ रही समस्या
सरपंच रुपिदर कौर ने माना कि छप्पड़ में पिछले काफी समय से गांव का पानी जमा हो रहा है। किसान हरविदर सिंह ने छप्पड़ की जगह मकान बनाकर नाजायज कब्जा किया हुआ है। इससे छप्पड़ वाली जगह भी जमीन में मिला ली है। छप्पड़ का आकार घटने से पानी ओवरफ्लो होकर जमीन में घुस जाता है। गांव में गंदे पानी की निकासी के लिए सीचेवाल प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है जिसके पूरा होने के बाद समस्या का हल होगा।