रेस्ट मोड पर प्रत्याशी, बैट मोड पर समर्थक
जिला परिषद और ब्लाक समिति चुनाव संपन्न होने के साथ ही उम्मीदवारों के समर्थक जीत-हार का आकलन करने में जुट गए हैं। उम्मीदवार बीते एक सप्ताह घर-घर जाकर वोट मांगने की जी-तोड़ मेहनत के बाद मतदान के अगले दिन घर में थकान मिटाते दिखे। जबकि गांवों की चौपाल पर गांववासी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत का जोड़ घटाओ करते देखे गए।
प्रदीप शाही, फतेहगढ़ साहिब : जिला परिषद और ब्लाक समिति चुनाव संपन्न होने के साथ ही उम्मीदवारों के समर्थक जीत-हार का आकलन करने में जुट गए हैं। उम्मीदवार बीते एक सप्ताह घर-घर जाकर वोट मांगने की जी-तोड़ मेहनत के बाद मतदान के अगले दिन घर में थकान मिटाते दिखे। जबकि गांवों की चौपाल पर गांववासी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत का जोड़ घटाओ करते देखे गए। गौर हो जिप व ब्लाक समिति के चुनाव का नतीजा 22 सितंबर को दोपहर तक सार्वजनिक हो जाएगा। जबकि मतदान होने के साथ ही हर कोई समर्थक अपने-अपने उम्मीदवार की जीत के बड़े-बड़े दावे कर रहा है। चौपाल में समर्थकों में बहस तो आम बात है। परंतु यह बहस तीखापन में बदलती दिख रही है। कई कट्टर समर्थक तो जीत-हार में पैसे, खाने-पीने और कई अन्य तरह की शर्तें लगाते दिख रहे हैं। वह ऐसी भविष्यवाणी कर रहे हैं कि मानों उनकी पार्टी के उम्मीदवार की जीत पक्की है। वहीं दूसरी तरफ प्रत्याशी चाहे आराम फरमा रहे हैं। परंतु उन्हें अपनी जीत-हार का डर भी सता रहा है।
पिछले के मुकाबले इस बार गिरा मत प्रतिशत
सबसे अहम बात यह है कि वर्ष 2013 में हुए मतदान की तुलना में इस बार मत फीसद काफी कम रहा है। जो उनकी ¨चता को बढ़ा रहा है। आमतौर पर देखा गया है कि जब भी कम फीसद मतदान होता है तो वह सत्ताधारी पार्टी के लिए मुसीबत बन जाता है।
बरगाड़ी कांड पर कार्रवाई न होना कम मतदान का कारण
मई 2013 में जिप व ब्लाक समिति चुनाव में 69 प्रतिशत पो¨लग हुई थी। जबकि उस समय वोटरों की संख्या 2,90,115 थी। इस बार मतदान फीसद 64.45 रहा है। जो बीते चुनाव की तुलना में लगभग 4.50 फीसद कम है। सबसे खास बात यह भी है कि इस बार मतदाताओं की संख्या बढ़ कर 3,037,47 हो गई है। चौपाल में बैठे लोगों का कहना है कि कम फीसद मतदान का कारण बरगाड़ी कांड के जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सरकार की तरफ से कार्रवाई न करना है।