-डीसी की के आदेशों को ठेंगा, फूड सप्लाई अधिकारी मंडी से नहीं उठा रहे गेहूं
छह महीने खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं सड़ने के मामले का पर्दाफाश दैनिक जागरण ने तीन अक्टूबर के अंक में किया था।
जागरण संवाददाता। फतेहगढ़ साहिब : करीब छह महीने खुले आसमान के नीचे पड़ी गेहूं की हजारों बोरियां का अनाज सड़ने के मामले का पर्दाफाश दैनिक जागरण ने तीन अक्टूबर के अंक में किया था। इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए फतेहगढ़ साहिब के डिप्टी कमिश्नर डॉ. प्रशांत कुमार गोयल ने डीएफएससी डॉ. निर्मल सिंह को मामले की जांच सौंपते हुए गेहूं को तुरंत उठाने के आदेश दिए थे। लेकिन फूड सप्लाई अधिकारी डीसी के आदेशों की परवाह ही नहीं कर रहे हैं।
एक तरफ धान की आमद तेज हो रही है, वहीं मंडी से गेहूं नहीं उठाई जा रही है। अब भी सरहिद मंडी में 40 हजार से अधिक बोरियां खुले आसमान के नीचे पड़ी हैं। पहले से ही मंडी में जगह की कमी आम खलल रही है। इससे आढ़ती व किसान परेशान हैं। इन बोरियों ने कई फड़ रोक रखे हैं। जिन आढ़तियों के यह फड़ हैं उन्हें फसल रखाने को जगह नहीं मिल रही है।
वहीं, अनाज सड़ने के मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। विभाग खानापूर्ति तक सीमित है। इस संबंध में जब डीएफएससी डॉ. निर्मल सिंह ने बातचीत की गई तो उन्होंने फोन पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार किया और कहा कि हर बात फोन पर नहीं बताई जा सकती।
सांसद और विधायक ने शुरू कराई खरीद
फतेहगढ़ साहिब जिले की सभी मंडियों में धान की खरीद शुरू हो गई। सरहिद मंडी में धान की खरीद सांसद डॉ. अमर सिंह और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के सलाहकार (योजना) व क्षेत्रीय विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने शुरू कराई। इन दोनों नेताओं ने पंजाब की मंडियों के हालातों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहराया। नागरा ने कहा कि केंद्र को शैलरों में लगी फसल की मिलिग करानी चाहिए। उधर, सोमवार की शाम तक जिले भर में 4379 टन धान की आमद हुई थी। इसमें सरहिद मंडी में 5, अमलोह में 85, खमाणों में 85, बस्सी पठाना में 110 और चनार्थल में 35 टन धान की खरीद हुई।