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कार्यशाला में दी ललित कला, विरासत व शिल्प विषय पर जानकारी

गोबिदगढ़ पब्लिक कालेज द्वारा आयोजित कला संगीत विरासत और रंगमंच पर आनलाइन छह-दिवसीय कार्यशाला के पांचवें दिन का विषय ललित कला विरासत और शिल्प था। दिन की शुरुआत मां सरस्वती के आह्वान के साथ हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 05:41 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 05:41 PM (IST)
कार्यशाला में दी ललित कला, विरासत व शिल्प विषय पर जानकारी
कार्यशाला में दी ललित कला, विरासत व शिल्प विषय पर जानकारी

संवाद सहयोगी, मंडी गोबिदगढ़ : गोबिदगढ़ पब्लिक कालेज द्वारा आयोजित कला, संगीत, विरासत और रंगमंच पर आनलाइन छह-दिवसीय कार्यशाला के पांचवें दिन का विषय ललित कला, विरासत और शिल्प था। दिन की शुरुआत मां सरस्वती के आह्वान के साथ हुई।

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संदीप जोशी विशेषज्ञ ललित कला और प्रो. कृपाल कजाक विशेषज्ञ विरासत, कला और शिल्प संसाधन मुख्य रूप से पहुंचे। कालेज प्रिसिपल डा. नीना सेठ पजनी ने संसाधन व्यक्तियों और अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत किया। प्रो. सुषमा मिगलानी संगठन सचिव और माडरेटर ने प्रतिभागियों को दिन के थीम और रिसोर्स पर्सन से परिचित करवाया। संदीप जोशी ने इस प्रस्तुत परि²श्य में कहा कि इस तरह की कार्यशाला छात्रों को तनाव से दूर रखने में बहुत मददगार है। उन्होंने कहा कि कला एक व्यक्तिगत गतिविधि है और हमें इसे अपने जीवन में अपनाना चाहिए। यह हमें आजीवन कौशल प्रदान करती है।

प्रो. कृपाल कजाक ने कहा कि ये विरासत की वस्तुएं हमारी समृद्ध पंजाबी संस्कृति का हिस्सा हैं और इसके बारे में सभी को पता होना चाहिए। उन्होंने गुड्डियां पटोले, मिट्टी दे खिलोने, रंगोली, खिद्दो, तोकरी, पीडी, छिक्कु, एन्नू बनाने आदि की विभिन्न तकनीकों के बारे में अपना बहुमूल्य ज्ञान प्रदान किया। कार्यशाला के इन लाइव सत्रों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र के 150 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। दूसरे सत्र के माडरेटर डा. तजिदर सिंह थे।


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