कर्फ्यू खुलने पर : कोई गन्ने का जूस पीने निकला तो कोई फास्टफूड खाने
फतेहगढ़ साहिब कोरोना संकट के बीच कर्फ्यू के 57 दिनों से जो लोग खुली हवा में सांस लेने को तरस रहे थे वह कर्फ्यू समाप्त होने के बाद सोमवार को घरों से निकले।
जागरण टीम, फतेहगढ़ साहिब : कोरोना संकट के बीच कर्फ्यू के 57 दिनों से जो लोग खुली हवा में सांस लेने को तरस रहे थे वह कर्फ्यू समाप्त होने के बाद सोमवार को घरों से निकले। किसी को गन्ने का रस पीने का शौक था, तो कोई फास्टफूड खाने निकला। राशन, दवा, सब्जियां लेने तो कम ही लोग निकले थे। बाजारों में तकरीबन सभी दुकानें खुली थीं, लेकिन रौनक नहीं थी। कम ही लोग खरीदारी के लिए निकले थे। बाजारों में छाए सन्नाटे के रूप में कोरोना का खौफ साफ झलक रहा था। सड़क किनारे लगी गन्ने के जूस की रेहड़ियों पर लोग ज्यादा रहे। जूस की रेहड़ियों पर शारीरिक दूरी का पालना भी नहीं किया गया। गर्मी से राहत के लिए हर कोई गन्ने का जूस पीने का शौकीन रहा। बैंकों की बात करें तो कर्फ्यू के दिनों के मुकाबले बीस फीसद ज्यादा उपभोक्ता पहुंचे थे। इनसे ज्यादा उपभोक्ता बिजनेस से संबंधित ट्रांजेक्शन वाले थे। तीन घंटे ही खुले बैंक
पंजाब में कर्फ्यू हटाने के बावजूद जिले में नए आदेश जारी न होने के कारण दुविधा बरकरार रही। पहले से जारी डिप्टी कमिश्नरों के आदेश मुताबिक सभी बैंक पूरे समय की बजाय सुबह 10 से एक बजे तक ही खुले थे। बैंक के मैनेजरों ने कहा कि जैसे आदेश जारी होंगे, वैसा पालन किया जाएगा।
193 शाखाओं में पहले से मुकाबले ज्यादा लोग थे : लीड बैंक मैनेजर
लीड बैंक मैनेजर जसवंत सिंह ने कहा कि जिले में 193 शाखाओं में कर्फ्यू समाप्त होने के पहले दिन ज्यादा लोग आए थे। लेकिन डिप्टी कमिश्नर के आदेश मुताबिक बैंक सुबह 10 से एक बजे तक ही खुले। यदि पूरा समय बैंक खुले रहते तो संख्या और ज्यादा होती।
रात सात से सुबह सात बजे तक रहेगा कर्फ्यू
डिप्टी कमिश्नर अमृत कौर गिल ने पंजाब सरकार के निर्देश पर जिले में कर्फ्यू 24 घंटे के लिए नहीं हटाया है। रात सात से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। इस दौरान बिना काम बाहर निकलने वाले लोगों और बिना मंजूरी गतिविधि करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
गुरु घरों में छाया रहा सन्नाटा
बेशक प्रदेश में कर्फ्यू हटा दिया गया है, लेकिन धार्मिक स्थानों पर पाबंदी अभी भी बरकरार है। जिस कारण सोमवार को गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब और गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब में सन्नाटा पहले की तरह ही छाया रहा था।