पंजाबी लिखारी सभा की बैठक में चला रचनाओं का दौर
पंजाबी लिखारी सभा की मासिक बैठक सभा के प्रधान अनूप सिंह खानपुरी की अध्यक्षता में हुई।
संवाद सहयोगी, मंडी गोबिंदगढ़ : पंजाबी लिखारी सभा की मासिक बैठक सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सभा के प्रधान अनूप सिंह खानपुरी की अध्यक्षता में हुई। सभा के सरप्रस्त शिरोमणि साहित्यकार सुरजीत सिंह मरजारा को 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित राज्य स्तरीय समारोह में सम्मानित किए जाने पर सभा, समाजसेवी और सरकारी कन्या स्कूल मैनेजमेंट कमेटी की प्रधान नीलम भाटिया ने बधाई दी।
इस दौरान गुरप्रीत सिंह बीड़ किशन ने सुरजीत सिंह मरजारा के बारे में काव्य चित्र सुनाया। चुन चुन शब्दों को तारियां वांग सजावे, ताहीयों मां पंजाबी का लाडला पुत्र अखवाए। करनैल सिंह वजीराबाद ने कविता पंजाब के हालात सुनाई, जिसके बोल थे कोई हिदू हो गया, कोई सिख हो गया, कोई ईसाई, कोई मुसलमान हो गया। कृपाल सिंह नाज ने अपनी कहानी मेरा क्या कसूर है सुनाई। इसी तरह उपकार सिंह दयालपुरी ने गीत निक्कीयां जिंदा, वड्डे साके सुनाई। रणबीर जंडाली ने गीत इंसानियत होनी चाहिए जरूर जी, करें न कभी किसी बात का गरूर जी। सुखविदर सिंह भादला, जगजीत सिंह गुरम, स्नेहइंद्र सिंह मीलू, परमजीत सिंह धीमान, अनूप सिंह खानपुरी, सुरजीत सिंह मरजारा ने भी अपनी रचनाएं पेश की। इस अवसर पर सभा के कोषाध्यक्ष तेजपाल सिंह मरजारा और नरिदर भाटिया भी उपस्थित थे।