गरीबी दूर करने दुबई गई मनप्रीत की दस दिन बाद मौत
हलका अमलोह के गांव नारायनगढ़ की मनप्रीत कौर (25) पुत्री किक्कर सिंह अपने बुजुर्ग माता-पिता की गरीबी दूर करने तथा परिवार के पांच सदस्यों की रोजी रोटी के लिए फरवरी माह में दुबई गई थी।
लखवीर सिंह लक्की, अमलोह, फतेहगढ़ साहिब
हलका अमलोह के गांव नारायनगढ़ की मनप्रीत कौर (25) पुत्री किक्कर सिंह अपने बुजुर्ग माता-पिता की गरीबी दूर करने तथा परिवार के पांच सदस्यों की रोजी रोटी के लिए फरवरी माह में दुबई गई थी। लेकिन 10 दिन के बाद ही मनप्रीत कौर की मौत की खबर जैसे ही माता-पिता को मिली तो उनके पैर नीचे जमीन खिसक गई। वहीं पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। मनप्रीत कौर माता-पिता के अलावा दो छोटे भाईयों की बड़ी बहन थी। हार्ड अटैक से हुई मौत
गत छह फरवरी 2019 को मनप्रीत कौर दुबई गई थी हुई थी। जहां 16 फरवरी को उसकी दिल की धड़कन रुकने से दुबई में ही मौत हो गई। गरीब और लाचार परिवार के पास बेटी को वापस लाने के लिए कोई चारा नहीं था। परिवार ने बेटी के शव को भारत लाने के लिए सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट प्रमुख डॉ. एसपी सिंह ओबराय के ट्रस्ट से संपर्क किया तो मनप्रीत कौर की मृतक देह गांव नारायनगढ़ पहुंची जहां उसका परिवार ने अंतिम संस्कार किया। जैसे ही बेटी का ताबूत घर के आंगन में उतरा तो माता-पिता का दर्द किसी से देखा नहीं जा रहा था। डॉ एसपी सिंह ओबराय के प्रयासों से लौटी मृतक देह
सरबत दा भला ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष जस्सा सिंह ने बताया कि मनप्रीत कौर के परिवार और गांववासियों ने मृतक देह को गांव में लाने के लिए ट्रस्ट डॉ. एसपी सिंह ओबराए के साथ संपर्क किया था। जिसके बाद डॉ. ओबराए और उनकी टीम ने दुबई में कागजी कार्रवाई पूरी कर मंगलवार को मृतक देह को उक्त गांव में लाया गया। इस मौके पर परिवारिक सदस्यों ने बताया कि मनप्रीत कौर ने एमएससी गणित की डिग्री पास की हुई थी और वह उसे दुबई गए केवल 10 दिन ही हुए थे और 16 फरवरी को अचानक दिल का दौरा पड़ने के कारण उस की मौत हो गई।