न करवाई लिफ्टिंग और न ही ढकी धान, बारिश से फेरा किसानों के सपनों पर पानी
बुधवार देर रात और वीरवार सुबह हुई बारिश से जिले की मंडियों में फसल को भारी नुकसान हुआ है।
धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब : बुधवार देर रात और वीरवार सुबह हुई बारिश से जिले की मंडियों में फसल को भारी नुकसान हुआ है। मंडियों में न तो बोरियां ढकी हुई थीं और न ही खुले में पड़ी धान को ढका गया था। जिस कारण बारिश ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिले की मंडियों में अभी तक 57927 टन धान की लिफ्टिंग न होने के कारण फसलों का भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश ने एक बार फिर से मंडियों में प्रबंधों के दावों की पोल खोल दी है। आलम यह था कि धान की बोरियां खुले आसमान के नीचे ही पड़ी थीं। फसल की जिस ढेरी की बोली नहीं लगी थी, उसे भी तिरपालों से ढका नहीं गया था। इस कारण बुधवार को रात भर बारिश में फसल गीली होती रही, वीरवार सुबह भी प्रबंधों की कमी के कारण फसल को बचाया नहीं जा सका। बारिश थमने पर भी कोई प्रशासनिक अधिकारी फसलों की जांच करने के लिए मंडियों में दिखाई नहीं दिया। किसान और मजदूर खुद ही मंडियों में पानी की निकासी कर रहे थे। आढ़ती के खिलाफ करेंगे कार्रवाई: डीएमओ
जिला मंडी अधिकारी (डीएमओ) राजिदर कुमार ने कहा कि सभी आढ़तियों को तिरपालों का प्रबंध करने की हिदायतें दी गई थीं। अगर कहीं फसल की ढेरी को नुकसान हुआ है तो उस फड़ के आढ़ती के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। बिकी फसल के लिए खरीद एजेंसियां जिम्मेवार है। हमारी कोई जिम्मेवारी नहीं: डीएफएससी
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) डॉ. निर्मल सिंह ने कहा कि मंडी में फसल गीली होने को लेकर नोटिस निकालने की जिम्मेवारी मंडीकरण बोर्ड की है। इसमें उनकी कोई जिम्मेवारी नहीं है। उनकी तरफ से प्रबंध मुकम्मल थे।