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गो सेस बावजूद मवेशी बेसहारा

ाज्य सरकार की ओर से गौ सेस लगाने के बावजूद बड़ी संख्या में सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशु जनता के लिए मुसीबत बने हुए हैं। सरकार के खजाने में गौ सेस के रुप में करोड़ों रुपये जमा हो रहे हैं। परंतु सरकार की ओर से सड़कों पर घूम रहे बेसहारा जानवरों पर अंकुश लगाने के लिए कोई भी योजना नहीं बनाई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 08:33 PM (IST)
गो सेस बावजूद मवेशी बेसहारा
गो सेस बावजूद मवेशी बेसहारा

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : राज्य सरकार की ओर से गौ सेस लगाने के बावजूद बड़ी संख्या में सड़कों पर घूम रहे लावारिस पशु जनता के लिए मुसीबत बने हुए हैं। सरकार के खजाने में गौ सेस के रुप में करोड़ों रुपये जमा हो रहे हैं। परंतु सरकार की ओर से सड़कों पर घूम रहे बेसहारा जानवरों पर अंकुश लगाने के लिए कोई भी योजना नहीं बनाई जा रही है। जिसकी कीमत लोगों को जानें देकर चुकानी पड़ रही है। बता दें कि कई बार सड़कों पर वाहन चलाते समय अचानक से कोई पशु बीच सड़क में आ जाता है जिससे वाहन चालक पशु को बचाते-बचाते खुद की जिंदगी से हाथ धो देता है। इस समस्या से छुटकारा दिलाने के साथ कीमती जिंदगियों की सुरक्षा के लिए कैप्टन सरकार ने गो सेस के रूप में बेसहारा पशुओं को सहारा देने के लिए वसूली शुरू की थी। लेकिन यह गो सेस कितना कारगर साबित हुआ है यह तो दिन-प्रतिदिन सड़कों पर वाहनों के पशुओं से टकराने के हादसे बयान कर रहे हैं।

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तीन गोशालाएं फिर भी पशु बेसहारा

जिले में इस समय तीन गौशाला चल रही हैं। परंतु लावारिस जानवरों को इन गोशाला में भेजने के लिए कोई भी प्रबंध नहीं किया जा रहा है। सड़कों पर बेसहारा मवेशियों के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होने का भय बना रहा है। दिन में तो यह जानवर दिखाई दे जाते हैं। परंतु रात के समय यह जानवर वाहन चालकों के लिए अधिक समस्या का कारण बन रहे हैं। लोगों का कहना है कि अधिकतर यह जानवर गांव वाले रात के समय शहर में छोड़ जाते हैं। प्रशासन को इन जानवरों की नंब¨रग करवानी चाहिए। ताकि शहर में सड़कों पर पहुंचने पर पता चल सके कि यह जानवर किस गांव के किसान से संबंधित हैं।

हादसे थामने को पशुओं के गले में लगे रेडियम युक्त ¨रग

वहीं इस बारे में नगर कौंसिल सर¨हद प्रधान शेर ¨सह ने बताया कि इन लावारिस जानवरों पर अंकुश लगाना प्रशासन का काम है। सरकार को इन जानवरों को पकड़ कर गोशाला में भेजने की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। गांव गंडोलिया में 25 एकड़ में गोशाला बनी हुई है। इन जानवरों के सींग पर या गले में रेडियम युक्त ¨रग लगाने चाहिए ताकि रात के समय यह रेडियम युक्त ¨रग दूर से दिखाई दे जाएं। जिससे दुर्घटना होने से बचाव हो सकेगा।


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