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GST में फर्जीवाड़ा: लोहा नगरी में फर्जी फर्मों से हर माह करोड़ों की बोगस बिलिंग

लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ में सैकड़ों फर्जी फर्मों के जरिये हर महीने करोड़ों के बोगस बिलों का धंधा जारी है। इसे रोकने में जीएसटी विंग नाकाम रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 12:22 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 05:25 PM (IST)
GST में फर्जीवाड़ा: लोहा नगरी में फर्जी फर्मों से हर माह करोड़ों की बोगस बिलिंग
GST में फर्जीवाड़ा: लोहा नगरी में फर्जी फर्मों से हर माह करोड़ों की बोगस बिलिंग

फतेहगढ़ साहिब [धरमिंदर सिंह]। सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए वैट नंबर को जीएसटी नंबर में बदला, लेकिन इससे चोरी रुकने की बजाय और बढ़ रही है। लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ में सैकड़ों फर्जी फर्मों के जरिये हर महीने करोड़ों के बोगस बिलों का धंधा जारी है। इसे रोकने में जीएसटी विंग नाकाम रहा है। अब हरियाणा पुलिस और आबकारी एवं कराधान विभाग अधिकारियों को भी मंडी गोबिंदगढ़ में बैठे बोगस बिलिंग किंग्स की तलाश है। 

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अगस्त 2019 में अंबाला में बोगस बिलों पर पकड़े गए करोड़ों के माल के तार भी लोहा नगरी से जुड़े हैं। जांच में सामने आया कि अंबाला के आरोपित संजय कुमार ने मंडी गोबिंदगढ़ के एक अध्यापक संजय कुमार के आइडी प्रूफ का इस्तेमाल कर फर्जी फर्म भवानी कास्टिंग बनाई। फर्म ने सितंबर 2018 से जून 2019 तक 1 करोड़ 54 लाख के राजस्व का नुकसान किया।

फर्म ने आठ करोड़ 57 लाख से अधिक के बिल काटकर 55 लाख 30 हजार से अधिक का फायदा लिया था। उस समय अंबाला की आबकारी एवं कराधान विभाग अधिकारी पूनम की शिकायत पर पुलिस ने फर्म मालिक संजय कुमार पर केस दर्ज किया था। पुलिस ने संजय को बयान देने के लिए समन भेजा है। संजय ने आशंका जताई है कि उन्होंने अपना आइडी प्रूफ मोबाइल सिम खरीदने के लिए एक दुकानदार को दिया था, वहीं से आइडी प्रूफ लीक हुआ है। पुलिस को अब दुकानदार की भी तलाश है।

ऐसे करते हैं टैक्स चोरी

मंडी गोबिंदगढ़ में रोजाना करोड़ों रुपयों का माल बिकता है। ज्यादातर मिल मालिक 18 फीसद जीएसटी से बचने के लिए फर्जी फर्मों का सहारा लेते हैं। अपने माल का बोगस बिल बना बिल काटने वाली फर्म को दो से चार फीसद तक का खर्च दिया जाता है। इससे वे 18 फीसद जीएसटी देने से बचते हैं और इसी बोगस बिल पर आगे माल भेज देते हैं। कई बार कागजों में ही माल खरीदा और बेचा जाता है।

तीन महीने बाद बंद हो जाती है फर्म

बोगस बिलों का धंधा करने वाले किसी आम नागरिक के नाम पर फर्म बना लेते हैं। ऑनलाइन आसानी से जीएसटी नंबर हासिल करने के बाद तीन महीने तक इस फर्म से खुलकर काम करते हैं। तीन महीने बाद फर्म का बनता जीएसटी जमा नहीं कराया जाता और फर्म बंद कर दी जाती है। उसके बाद किसी अन्य नाम पर फर्म बनाकर ऐसे धंधा जारी रखते हैं।

टेलीकॉम दुकानदारों से मिलकर चला रहे धंधा

सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि बोगस बिलिंग के किंग इलाके के टेलीकॉम दुकानदारों से मिलकर धंधा चला रहे हैं। मोबाइल सिम खरीदने के लिए कागजात लिए जाते हैं। इनका प्रयोग फर्म बनाने में कर दिया जाता है और फिर फर्म बनाकर करोड़ों रुपयों का टैक्स चोरी किया जाता है। दुकानदारों को कुछ ज्यादा रकम देकर कागजात ले लिए जाते हैं।

डाटा एकत्रित कर रहे हैं : एईटीसी

फतेहगढ़ साहिब के सहायक आबकारी एवं कराधान कमिश्नर शरणजीत सिंह ने कहा कि सभी फर्मों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है। जो भी फर्जी काम कर रहा है, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। 

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