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गोबिंदगढ़ में बह रही पीएनजी की गंगा, कोई नहाने को तैयार नहीं

लोहानगरी मंडी गो¨बदगढ़ की औद्योगिक जरूरत को पूरा करने व कोयले व तेल की खपत को कम करने के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) का मदर स्टेशन 8 महीने पहले शुरू हुआ था। आठ महीने में केवल आठ उद्योगों ने ही पीएनजी का कनेक्शन लिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 06:55 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 06:55 PM (IST)
गोबिंदगढ़ में बह रही पीएनजी की गंगा, कोई नहाने को तैयार नहीं
गोबिंदगढ़ में बह रही पीएनजी की गंगा, कोई नहाने को तैयार नहीं

लखवीर ¨सह लक्की, मंडी गो¨बदगढ़

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लोहानगरी मंडी गो¨बदगढ़ की औद्योगिक जरूरत को पूरा करने व कोयले व तेल की खपत को कम करने के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) का मदर स्टेशन 8 महीने पहले शुरू हुआ था। आठ महीने में केवल आठ उद्योगों ने ही पीएनजी का कनेक्शन लिया है। इसका मुख्य कारण यह रहा है कि पीएनजी कोयले व तेल से भी अधिक महंगी है, जिस पर वैट टैक्स की मार 14.30 प्रति किलो फीसद पड़ रहा है। कुल मिलाकर गैस वैट टैक्स समेत 36 रुपये किलो के हिसाब से पड़ रही है। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) मंडी गो¨बदगढ़ चैप्टर के चेयरमैन दिनेश गुप्ता, आइआरएम एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड के उपाध्यक्ष रघुवीर सिंह सोलंकी, उद्योगपति राजा राम गोयल ने जीसीएल क्लब में प्रेसवार्ता की।

दिनेश गुप्ता ने पंजाब सरकार को पीएनजी पर वैट टैक्स घटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पंजाब के अलावा बाहरी राज्यों में पीएनजी पर टैक्स शून्य या फिर बहुत कम है। इनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली के नाम शामिल हैं और वहां की इंडस्ट्री पंजाब की इंडस्ट्री के मुकाबले अधिक प्रगति पर है, क्योंकि वहां पंजाब जैसे पीएनजी पर 14.30 फीसद टैक्स नहीं है। इससे उद्यमियों को प्रति टन लोहा तैयार करने में 250 रुपये अधिक महंगा पड़ रहा है।

गुप्ता ने कहा कि भले ही उद्योगों की जरूरत को पूरा करने के लिए प्रयोग होते कोयले और तेल पीएनजी से सस्ता पड़ता है, ¨कतु वह इंडस्ट्री टाऊन को और प्रदूषित नहीं बना सकते, जबकि मंडी गो¨बदगढ़ का एक्यूआइ पहले ही 300 के पार जा रहा है। इंडस्ट्री की मांग है कि पीएनजी का कनेक्शन हर औद्योगिक इकाई में लगे और हवा में जीरो पॉल्यूशन रहे और इंडस्ट्री को कोयले तथा तेल से मुक्त किया जाए। ऐसा तभी होगा जब सरकार पीएनजी पर वैट टैक्स 3 या 5 फीसद करेगी।

उन्होंने सरकार को पीएनजी पर बाहरी पड़ोसी राज्यों की भांति वैट टैक्स 3 से 5 रुपये करने का आग्रह किया। वहीं सरकार को यह सुझाव भी दिया कि आज मंडी गो¨बदगढ़ में पीएनजी की 2 करोड़ रुपये की भी सेल नहीं है, जबकि यहां करीब हर छोटी बड़ी एक हजार के करीब औद्योगिक ईकाईयों में पीएनजी की जरूरत 100 करोड़ रुपये के आसपास है। अगर 100 करोड़ की गैस इंडस्ट्री में प्रयोग होगी तो उसका वैट टैक्स के रूप में सरकार को जाएगा और सरकार का रेवेन्यू बढ़ेगा और सरकार के खजाने में भी बढ़ोतरी होगी।

गौरतलब है कि मंडी गो¨बदगढ़ के फोकल प्वाइंट एरिया में इसी साल 25 मई को सीएनजी का मदर स्टेशन शुरू हुआ था। यहां से पूरे इलाके की इंडस्ट्री को पाइप लाइन के जरिये उनकी औद्योगिक जरूरत के अनुसार गैस कनेक्शन देने का प्रावधान आइआरएम एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के पास है। हैरत की बात है कि आठ महीने में केवल 8 इंडस्ट्री ने ही पीएनजी गैस कनेक्शन लिए हैं, जबकि बाकी इंडस्ट्री ने पीएनजी पर वैट टैक्स अधिक होने पर कोई हामी नहीं भरी।


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