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विधायक नागरा, काका रणदीप की रणनीति से अकालियों का सफाया

जिला परिषद व ब्लॉक पंचायत समिति में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को करारी हार प्रदान की। फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत नागरा व अमलोह के विधायक काका रणदीप ¨सह की रणनीति ने अकालियों को पूरी तरह से ही सफाया कर दिया। परंतु बस्सी पठानां के विधायक गुरप्रीत जीपी की रणनीति पूरी तरह से सफल नहीं रही। इस कारण इस इलाके में अकाली अपनी साख को बचाने में सफल रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 05:27 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 05:27 PM (IST)
विधायक नागरा, काका रणदीप की रणनीति से अकालियों का सफाया
विधायक नागरा, काका रणदीप की रणनीति से अकालियों का सफाया

प्रदीप शाही, फतेहगढ़ साहिब

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जिला परिषद व ब्लॉक पंचायत समिति में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी ने शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को करारी हार प्रदान की। फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत नागरा व अमलोह के विधायक काका रणदीप ¨सह की रणनीति ने अकालियों को पूरी तरह से ही सफाया कर दिया। परंतु बस्सी पठानां के विधायक गुरप्रीत जीपी की रणनीति पूरी तरह से सफल नहीं रही। इस कारण इस इलाके में अकाली अपनी साख को बचाने में सफल रहे। ब्लाक खमाणों में तो कांग्रेस महज एक सीट अधिक लेकर कर सत्ता हथियाने में सफल हो सकी है। जिला परिषद की सभी सीटें कांग्रेस ने जीती। जबकि पांच ब्लाक समिति चुनाव की 77 सीटों पर कांग्रेस ने 62, अकाली दल ने 12, दो आजाद व एक सीट पर शिरोमणि अकाली दल अमृतसर ने कब्जा किया।

जिला परिषद में कांग्रेस ने सभी 10 सीटों पर कब्जा कर नया इतिहास रचते हुए अकाली दल को सत्ता से पूरी तरह से बाहर कर दिया। यहीं कुछ स्थिति पंचायत समिति के ब्लाक सर¨हद में भी देखने को मिली। विधायक नागरा के बलाक सर¨हद की 15 सीटों में से कांग्रेस ने 14 सीटें हासिल करने में सफलता हासिल की। यहां भी अकाली दल को कोई भी सीट नहीं मिल सकी। केवल एक सीट पर आजाद प्रत्याशी विजयी रहा। सबसे खास बात यह है कि सर¨हद की नगर कौंसिल पर अकाली दल का कब्जा है। बावजूद इसके सर¨हद ब्लाक में अकाली दल एक भी सीट को हासिल नहीं कर सका है।

ब्लाक अमलोह का एरिया विधायक काका रणदीप ¨सह का क्षेत्र है। यहां पर 17 पंचायत समिति सीट में से कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 16 सीटें हासिल की। अकाली दल को केवल एक ही सीट पर जीत नसीब हुई। गौर हो अमलोह की नगर कौंसिल पर करीब 11 माह पहले हुए चुनाव में कांग्रेस ने अकाली दल को बाहर का रास्ता दिखा कर सत्ता हासिल की थी। ब्लाक सर¨हद और अमलोह ही एक ऐसे क्षेत्र रहे। जहां पर अकाली अपने पैर नहीं जमा सके।

ब्लाक बस्सी पठाना, खमाणों का क्षेत्र विधायक गुरप्रीत जीपी के विधानसभा का हिस्सा। जबकि ब्लाक खेड़ा के भी कई गांव विधायक जीपी के विस क्षेत्र में आते हैं। खमाणों की बात करें। तो यहां की 15 पंचायत समिति में से कांग्रेस को आठ, अकाली दल को छह व एक सीट शिरोमणि अकाली दल अमृतसर को मिली। इस क्षेत्र में केवल एक सीट अधिक लेकर कांग्रेस सत्ता हथियाने में सफल हो सकी। इस क्षेत्र में शिरोमणि अकाली दल अमृतसर की महिला प्रत्याशी की जीत हासिल करना भी चर्चा का विषय बनी हुई है। क्यों कि शिरोमणि अकाली दल अमृतसर पहली बार इस क्षेत्र में जीत दर्ज कर नई एंट्री मारी है। इस सीट पर बीते चुनाव में पीपीपी का कब्जा था। जो आज सत्ताधारी पार्टी में शामिल हो चुकी है। इसके अलावा बस्सी पठाना में 15 सीटों में से कांग्रेस ने 12 सीटें, अकाली दल ने 2 और एक आजाद, खेडा़ ब्लाक की 15 सीटों में से कांग्रेस ने 12 और अकाली दल ने तीन सीटें हासिल की। गौर हो अकाली दल की ओर से कुल 12 सीटों पर विजय हासिल की। इनमें से 11 विजयी सीटें खमाणों, बस्सी पठाना व खेड़ा ब्लाक से संबंधित हैं।


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