देश भगत यूनिवर्सिटी में दीवाली उत्सव मनाया
देश भगत यूनिवर्सिटी के आईईडीसी विभाग द्वारा आयोजित दीवाली फेट में देश के विभिन्न राज्यों की अमीर विरासत एवं संस्कृति को शानदार ढंग से पेश किया गया। यूनिवर्सिटी चांसलर डॉ •ाोरा ¨सह, प्रो चांसलर डॉ ते¨जदर कौर और वाइस चांसलर डॉ व¨रदर ¨सह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब
देश भगत यूनिवर्सिटी के आइईडीसी विभाग की ओर से आयोजित दीवाली फेट में देश के विभिन्न राज्यों की अमीर विरासत एवं संस्कृति को शानदार ढंग से पेश किया गया। यूनिवर्सिटी चांसलर डॉ. जोरा ¨सह, प्रो चांसलर डॉ. ते¨जदर कौर और वाइस चांसलर डॉ. व¨रदर ¨सह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
डॉ. ते¨जदर कौर ने कहा कि ऐसे आयोजन जहां मनोरंजन एवं जानकारी प्रदान करने का स्त्रोत बनते हैं। वहीं विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने एवं व्यावहारिक ज्ञान हासिल करने का अवसर भी देते हैं। इस दौरान देश भगत विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के 1000 से अधिक छात्रों को आमंत्रित किया गया था। छात्रों के लिए विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित रोलर सवारी, स्विंग्स और वेगास जैसी कई व्यवस्थाएं और मजेदार खेलों का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों ने आर्ट वर्क, विभिन्न वस्तुओं की मॉड¨लग, गायन एवं डांस आदि मुकाबलों में भाग लेकर अपनी कला के जौहर दिखाए। वहीं विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनियों में विभिन्न राज्यों के रीति-रिवाजों, संस्कृति, कला एवं लोक गीतों को प्रस्तुत किया गया।
इस कार्यक्रम का विशेष आकर्षण मणिपुरी विद्यार्थियों का लोक नृत्य हरियाणवी लोक नाच, भंगड़ा और गिद्दा रहा। इसमें लड़के और लड़कियों के विभिन्न ग्रुपों ने भाग लिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। लोक धुनों पर विद्यार्थी झूमते-नाचते नजर आए। इस फेट में विद्यार्थियों की ओर से तैयार 50 विभिन्न वस्तुओं की प्रदर्शनी एवं स्टालों पर काफी भीड़ देखने को मिली। इममें ऊनी कपड़ों, कढ़ाई वर्क, फुलकारी, चादर, भीतरी साज-सज्जा, आर्टिफिशयल गहने, खूशबूदार मोमबतियां आदि की स्टालें लगाई गई। फैकल्टी ऑफ होटल मैनेजमेंट एंड टूरिज्म की ओर से केक, बिस्कुट, पेस्ट्री, अचार एवं चटनी आदि की विशेष स्टाल लगाई गई। इस अवसर पर फार्मेसी विभाग की ओर से लगाई गई आयुर्वेदिक एवं हर्बल उत्पादों की स्टाल आकर्षण का केंद्र रहीं। इसमें एलोवीरा से बने विभिन्न उत्पाद जूस, जैल, साबुन, च्वयनप्रास, शर्बत और चटनी आदि शामिल थे।