बिना अनुमति के नहीं चलेंगे डीजे या लाउड स्पीकर
डीसी शिवदुलार ¨सह ढिल्लों ने जिले भर में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए फौजदारी आचार संहिता 1973 (2आफ 1974) की धारा-144 के तहत आदेश जारी किए हैं।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब :
डीसी शिवदुलार ¨सह ढिल्लों ने जिले भर में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए फौजदारी आचार संहिता 1973 (2आफ 1974) की धारा-144 के तहत आदेश जारी किए हैं। इसके मुताबिक विवाह शादियों या अन्य कार्यक्रमों के दौरान मैरिज पैलेस, क्लबों, होटलों और खुले स्थानों में किसी भी तरह के डीजे आर्केस्ट्रा या संगीत यंत्र बजाने पर पाबंदी होगी। इसके लिए पहले उपमंडल मजिस्ट्रेट से लिखित मंजूरी लेनी पड़ेगी। आदेश में कहा गया है कि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए राजनीतिक जलसों, रैलियों, रोष धरने, सामाजिक, धार्मिक, व व्यापारिक संस्थाओं के समारोहों के दौरान भी लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध होगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर सिविल रिट पिटीशन नं: 72 ऑफ 1998 के तहत यह आदेश जारी किया गया है। संगीत या कोई भी ध्वनि पैदान करने वाला यंत्र चलाने की मंजूरी लेने के बावजूद रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर और संगीत यंत्र चलाने पर पूरी तरह पाबंदी होगी। डीसी ने जिले समूह के एसडीएम को इन आदेशों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं। आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कानून अनुसार सख्त कार्रवाई होगी। -पटाखे बनाना, बेचने व स्टोर करने पर भी पाबंदी सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के अनुसार पटाखे चलाने वाले स्थान से 4 मीटर के दायरे के अंदर अधिक आवाज और धुआं पैदा होने से वातावरण में प्रदूषण की रोकथाम के लिए पटाखे बनाने, बेचने और स्टोर करने पर भी मुकम्मल पाबंदी होगी। यह पाबंदी निर्धारित आवाज और रंग रोशनी पैदा करने वाले पटाखों पर लागू नहीं होगी। -सार्वजनिक स्थानों पर ठीकरी पहरे लगाने आदेश शिवदुलार ¨सह ढिल्लों ने जिले भर में जनतक स्थानों पर धार्मिक स्थानों पर खास तौर पर अगले आदेशों तक ठीकरी पहरा लगाने के लिए गांवों की समूह पंचायतों और धार्मिक समितियों, बोर्ड और ट्रस्टों के मुखियों की जिम्मेदारी लगाई है। ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि पिछले दिनों धार्मिक स्थानों पर शरारती तत्वों ने बेअदबी की घटनाओं को अंजाम दिया था। इस तरह की शरारत से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है और इलाकों में तनाव पैदा होता है। इससे लोगों की जान और माल को भी नुकसान का अंदेशा बना रहता है। ठीकरी पहरे लगाने के आदेश 4 फरवरी तक लागू रहेंगे। -हुक्का बार चलाने पर भी पाबंदी
डीसी ने फौजदारी दंड संहिता 1973 (2 ऑफ 1974) की धारा 144 के तहत जिले भर में हुक्का बार चलाने पर भी पूर्ण पाबंदी लगाने के आदेश दिए हैं। भले जिले में कोई हुक्का बार नहीं है, लेकिन फिर भी यह जरूरी हो जाता है कि हुक्का बार पर पाबंदी लगाई जाए, क्योंकि ऐसे हुक्का बार में आम तौर पर अलग-अलग फलेवरों के साथ निकोटीन का प्रयोग होता है जो सेहत के लिए हार्निकाक है। यह आदेश भी 4 फरवरी, 2019 तक लागू रहेंगे।
-मुंह ढककर वाहन चलाने पर पाबंदी
जिले भर में वाहन चालकों को मुंह ढक वाहन चलाने पर भी पूर्ण पाबंदी लगाई है। आम तौर पर अधिकतर लोग दो/चार पहिया वाहनों पर चलते समय अपना मुंह रुमाल, मफलर और कपड़े से ढक लेते हैं। इसका फायदा लेकर गैर सामाजिक तत्व अपनी पहचान छिपाकर गैर कानूनी गतिविधियों और अपराधों को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं। कई बार मुंह ढक कर दो पहिया/चार पहिया वाहन सवारों द्वारा लूट छीना झपटी की वारदातों कीं जा रहीं हैं। ऐसीं घटनाओं को रोकनो के लिए पाबंदी के आदेश 4 फरवरी 2019 तक लागू रहेंगे।