किसानों ने सीएम के सलाहकार भरत इंद्र चाहल को साढ़े तीन घंटे घेरे रखा
पंजाब की मंडियों में बारदाने की समस्या गंभीर होती जा रही है।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : पंजाब की मंडियों में बारदाने की समस्या गंभीर होती जा रही है। जिससे किसानों का गुस्सा अब सियासतदानों पर निकलना शुरू हो गया है। वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के सलाहकार भरत इंद्र सिंह चाहल को किसानों के रोष का सामना करना पड़ा। पटियाला से सरहिद आ रहे चाहल की गाड़ी को गांव रुड़की के पास धरना दे रहे किसानों ने घेर लिया। एडीसी और एसपी के कहने पर भी किसानों ने चाहल को जाने नहीं दिया। उन्हें 12.30 बजे से लेकर शाम करीब चार बजे तक धरनास्थल पर ही रोककर रखा गया। कुछ मात्रा में बारदाना मिलने के बाद धरना समाप्त करते हुए चाहल को जाने दिया गया।
जानकारी के अनुसार सरहिद की मंडियों में बारदाने की कमी को लेकर क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष हरनेक सिंह भलमाजरा की अगुआई में कई गांवों के किसानों ने गांव रुड़की के पास सरहिद-पटियाला रोड पर धरना लगाया था। इस दौरान चाहल की गाड़ियों का काफिला पटियाला से सरहिद जा रहा था। चूंकि, अकसर ही चाहल इसी रूट से सरहिद स्थित पेट्रोल पंप पर आते जाते रहते हैं। जैसे ही किसानों ने देखा कि चाहल आ रहे हैं तो उन्होंने गाड़ियों का काफिया रोकते हुए चाहल की गाड़ी की घेराबंदी कर दी। किसानों के गुस्से को देखते हुए चाहल गाड़ी से नीचे नहीं उतरे और गाड़ी लाक रखी गई। चाहल को घेरने की सूचना मिलते ही पुलिस व सिविल प्रशासन में अफरातफरी मच गई। एडीसी अनुप्रिता जौहल, एसडीएम डा. संजीव कुमार के अलावा पुलिस प्रशासन से एसपी (आई) जगजीत सिंह जल्ला, एसपी (मुख्यालय) हरपाल सिंह, डीएसपी मनजीत सिंह मौके पर पहुंचे। इन अधिकारियों के आश्वासन पर भी किसानों ने चाहल को जाने नहीं दिया। पुलिस फोर्स के आने पर चाहल खुद भी गाड़ी से बाहर आ गए थे और किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी हर समस्या हल होगी। लेकिन किसान इस मांग पर अड़े हुए हैं कि जब तक पर्याप्त बारदाना नहीं आता वे किसी को जाने नहीं देंगे।
किसानों के रोष को देखते हुए आसपास के इलाके से कुछ मात्रा में बारदाना मंगवाया गया। जिसके चलते किसानों ने 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए धरना समाप्त किया। किसान नेता भलमाजरा ने कहा कि जिले में अगर किसी मंडी में बारदाने की कमी होती है तो वहां धरना प्रदर्शन के बाद बारदाना पहुंच जाता है। सरहिद की मंडियों में कई दिन से बारदाने की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा था। जिस कारण मजबूरन उन्हें धरना देना पड़ा और धरने के दौरान सीएम के सलाहकार को घेरना पड़ा। अगर आने वाले दिनों में भी किसानों को कोई समस्या आई तो वे सीएम की कोठी का घेराव भी कर सकते हैं।