गुरबाणी सिखाने के नाम पर चल रहा था ऐसा खेल, रेड पड़ी तो संचालक फरार, 29 बंधकों को करवाया रिहा
फतेहगढ़ साहिब के गांव फतेहगढ़ न्युआं में गुरबाणी सिखाने के नाम पर खेल चल रहा था। यहां पुलिस व स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारा और बंदी बनाकर रखे गए 29 लोगों को छुड़ाया।
जेएनएन, फतेहगढ़ साहिब। जिले के गांव फतेहगढ़ न्युआं में गुरुबाणी सिखाने के नाम पर एक साल से चल रहे अवैध नशामुक्ति केंद्र में तीन दिन पहले एक युवक की मौत के बाद हरकत में आए प्रशासन ने शुक्रवार को वहां छापेमारी की। इस दौरान 29 लोगों को वहां से रिहा करवा सरहिंद के सरकारी पुनर्वास केंद्र में भर्ती करवाया गया। ये सभी पंजाब सहित कई अन्य राज्यों से संबंधित हैं। मौके पर पुलिस ने एक आरोपित परमजीत सिंह निवासी मनीमाजरा (चंडीगढ़) को भी गिरफ्तार किया। केंद्र का मुख्य संचालक जगरूप सिंह निवासी इस्माइलपुर (खन्ना) फरार हो गया।
सेहत विभाग की टीम ने बताया कि फतेहगढ़ न्युआं में बाबा जुझार सिंह अकादमी के नाम से अवैध नशामुक्ति केंद्र खोला गया था। यहां पर संचालक हेरोइन, स्मैक, अफीम, भुक्की और शराब समेत अन्य प्रकार के नशे छुड़ाने के नाम पर लोगों को भर्ती करते थे। परिजनों को झांसे में रखा जाता था कि वह गुरुबाणी से जोड़कर नशे के आदी लोगों को नशामुक्त करते हैं। चेकअप के लिए भी कोई डॉक्टर या अन्य सुविधा नहीं थी। न ही कोई धार्मिक गतिविधि केंद्र में करवाई जाती थी।
छापामारी करने वाली टीम में फतेहगढ़ साहिब के सिविल सर्जन डॉ. एनके अग्रवाल, खमाणों के डीएसपी धर्मपाल और खेड़ी नौध सिंह एसएचओ गगनदीप सिंह शामिल रहे। डीएसपी धर्मपाल ने बताया कि पुलिस को इस अवैध नशा मुक्ति केंद्र के बारे में शिकायत मिली थी। इस बारे में एक आरोपित को मौके पर ही काबू कर लिया गया है।
तीन दिन पहले हुई थी युवक की मौत
24 सितंबर को केंद्र में शराब छुड़ाने के लिए लाए गए अमरीक सिंह निवासी खेड़ी शहीद (हरियाणा) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में सदर थाना खन्ना की पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई की थी, लेकिन अमरीक के परिजनों ने सवाल खड़े करते हुए संचालकों पर हत्या का आरोप लगाया था।
छापेमारी के बाद एक व्यक्ति भाग निकला
पुलिस ने जब केंद्र में छापेमारी की, तो इस दौरान वहां भर्ती एक व्यक्ति दीवार फांदकर भाग निकला। पुलिस ने खेतों में उसका पीछा भी किया। पर वह हाथ नहीं लगा। बताया जाता है कि उसे एक दिन पहले केंद्र के रिकॉर्ड से डिस्चार्ज किया गया था। मगर, उसे घर नहीं भेजा गया। वह पुलिस के डर से भाग निकला।
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