मिनी मक्का में मानवता की सलामती की दुआ
मुस्लिम भाईचारे के मिनी मक्के के तौर पर जाने जाते रोजा शरीफ हजरत शेख अहमद फारूकी सरहंदी मजद्दद अलफसानी की दरगाह पर बकरीद का त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया।
जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : मुस्लिम भाईचारे के मिनी मक्के के तौर पर जाने जाते रोजा शरीफ हजरत शेख अहमद फारूकी सरहंदी मजद्दद अलफसानी की दरगाह पर बकरीद का त्योहार उत्साह के साथ मनाया गया। दरगाह में भारी संख्या में एकत्रित हुए मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने नमाज अदा करके मानवता की सलामती के लिए दुआ मांगी। रोजा शरीफ के खलीफ सैय्यद मोहम्मद सादिक रजा मजद्ददी ने भाईचारे को बकरीद की मुबारकबाद देते कहा कि यह त्योहार मुस्लिम भाईचारे के लिए विशेष स्थान रखता है, क्योंकि यह त्योहार बलि के नाम पर जाना जाता है।
उन्होंने बताया कि हजरत मोहम्मद इबराहम इस्लाम को अल्लाह ताला का हुक्म हुआ था कि वह बेटों की बलि दे। जब हजरत मोहम्मद इबराहम बेटों का गला काटने लगे तो उनको अल्लाह ताला की तरफ से आवाज आई कि आप हुक्म मानने में खरे उतरे हो। उन्होंने उनके बेटों की बलि की बजाए दो बकरे भेजे। इसी की खुशी में ही मुस्लिम भाईचारा विश्व स्तर पर बकरीद का त्योहार मनाता है।
बकरीद के मौके पर प्रशासन की तरफ से रोजा शरीफ में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे जिससे लोगों को कोई परेशानी न आए। मौके पर मोहम्मद अहमद, मोहम्मद मुस्लिम, मौजम अली, मोहम्मद सेफ मौजूद थे। इसी तरह शहर की अलग-अलग मस्जिदों में भी मुस्लिम भाईचारे के लोगों ने बकरीद का त्योहार मनाया और एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी ।