नई शिक्षा नीति के गुणों और खामियों पर की चर्चा
अमलोह देशभगत यूनिवर्सिटी के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल और मानव संसाधन विकास केंद्र ने नई शिक्षा नीति-2020 पर ऑनलाइन पैनल चर्चा करवाई।
संवाद सूत्र, अमलोह : देशभगत यूनिवर्सिटी के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल और मानव संसाधन विकास केंद्र ने नई शिक्षा नीति-2020 पर ऑनलाइन पैनल चर्चा करवाई। जिसका उद्देश्य नई शिक्षा नीति के गुणों और खामियों को तलाशना और भविष्य में भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखना था। इस सत्र में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 300 से अधिक प्रमुख विद्वानों और प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। देशभगत यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. जोरा सिंह ने भारतीय शिक्षा संरचना के विकास में प्रमुख बातें साझा की। उन्होंने कहा कि पिछली शिक्षा नीति को तीन दशक से अधिक समय बीत चुका है और हमारे समाज, अर्थ व्यवस्था, देश और दुनिया में बड़े बदलाव हुए हैं, शिक्षा के क्षेत्र को इन बदलावों के अनुकूल बनने की जरूरत है। प्रो. चांसलर डॉ. तेजिदर कौर ने शिक्षण संस्थानों के सामने आने वाली संभावित चुनौतियों पर अपने विचार साझा किए और उन चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सीखने के समाधानों को बढ़ाया। डॉ. संदीप सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति के परिणाम स्वरूप छात्र प्रवेश और निकास के लिए अधिक लचीलापन होगा, समावेशी विकास के लिए समाज के सभी स्तरों की सेवा करेगा। क्वालिटी, रिसर्च और इनोवेशन भारत को एक ज्ञान सुपर पावर बनने में मदद करेगा। इस अवसर पर डॉ. शालिनी गुप्ता ने सभी ने भी अपने विचार साझा किए।