सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने किए हाथ खड़े, पटियाला ले जाते एंबुलेंस में ही हुई डिलीवरी
फतेहगढ़ साहिब का सिविल अस्पताल आए दिन विवादों में घिरा रहता है।
दीपक सूद, सरहिद : फतेहगढ़ साहिब का सिविल अस्पताल आए दिन विवादों में घिरा रहता है। इस अस्पताल से ज्यादातर मरीजों को रेफर किए जाने के कारण अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहते हैं। इसी कड़ी में एक नया मामला सामने आया है। वीरवार तड़के चार बजे के करीब एक गर्भवती महिला को सिविल अस्पताल से यह कहकर रेफर कर दिया गया कि केस सीरियस है, जल्दी पटियाला ले जाओ। डाक्टर की इस बात पर 108 एंबुलेंस कर्मी भी तेजी में मरीज को राजिंदरा अस्पताल पटियाला लेकर जा रहे थे। लेकिन अस्पताल से करीब दस किलोमीटर पहले ही गर्भवती महिला को दर्द शुरू हो गया, महिला की हालत को भांपते हुए एंबुलेंस के इमरजेंसी मेडिकल ट्रेनर (ईएमटी) विक्रम भुल्लर ने हैड ऑफिस से मंजूरी लेकर एंबुलेंस को सड़क किनारे रुकवाया और पायलट मनप्रीत निझर की मदद से डिलीवरी करवाई। गर्भवती महिला का नाम सरहिद निवासी मालती है और उसने बच्चे को जन्म दे दिया। डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा दोनों ठीक हैं और उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए राजिदरा अस्पताल पटियाला में दाखिल कराया गया है। गर्भवती महिला का नाम मालती है जोकि सरहिद की निवासी है। एंबुलेंस में डिलीवरी होने के बाद सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं कि एक डाक्टर इमरजेंसी में पूरा स्टाफ और मशीनरी होने के बावजूद महिला की डिलीवरी नहीं करा सका तो किसी अन्य बड़े केस में मरीज की जान कैसे बचा पाएगा। अस्पताल की कार्यशैली बेहद घटिया: एडवोकेट साऊ
यूथ अकाली दल मालवा जोन के मुख्य प्रवक्ता एडवोकेट इंद्रजीत सिंह साऊ ने कहा कि जिले के सिविल अस्पताल की कार्यशैली बेहद घटिया है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। बिना किसी कारण के मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। इस कारण लोगों का अस्पताल से भरोसा उठ रहा है। जिलाधीश को बिना किसी देरी के अस्पताल की कार्यशैली में सुधार लाना चाहिए और उच्च स्तरीय जांच करके जिम्मेवार डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। डाक्टरों से मांगा जाएगा जवाब: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. एनके अग्रवाल ने कहा कि वे मरीज का रिकार्ड चेक करेंगे कि उसे क्यों रेफर कियागया। अगर बिना किसी कारण रेफर किया गया होगा तो डाक्टर से जवाब मांगा जाएगा।