14 वर्ष पहले बने एक्ट की पहली बैठक, 25 केसों में चार का निपटारा
पंजाब सरकार द्वारा छोटे उद्योगों की सुरक्षा के मकसद से वर्ष 2006 में बनाए माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइसेज डिवेल्पमेंट एक्ट के तहत जिले में पहली बैठक करीब 14 वर्ष बाद हुई।
धरमिदर सिह, फतेहगढ़ साहिब : पंजाब सरकार द्वारा छोटे उद्योगों की सुरक्षा के मकसद से वर्ष 2006 में बनाए माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइसेज डिवेल्पमेंट एक्ट के तहत जिले में पहली बैठक करीब 14 वर्ष बाद हुई। जिला स्तरीय फेस्लिटेशन काउंसिल की इस पहली ही बैठक में छोटे उद्योगपतियों से जुड़े 25 केसों में से 4 का निपटारा किया गया।
बैठक में डिप्टी कमिश्नर अमृत कौर गिल इन मामलों को लेकर बेहद सख्त दिखाई दीं। 25 फरवरी को होने वाली काउंसिल की दूसरी बैठक से पहले अन्य 21 केसों के भी सार्थक परिणाम लाने की हिदायत की गई। बैठक में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों और विभागों के अधिकारियों ने शिरकत की। डीसी ने कहा कि माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइसेज डिवेल्पमेंट एक्ट को जिले में सख्ती से लागू किया जाए, ताकि छोटे उद्योग और तरक्की कर सकें। जिन छोटे उद्योगपतियों के पैसे किसी व्यापारी के पास रुके हुए है, उन्हें रकम दिलाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं ताकि छोटे उद्योगों के मालिकों को आर्थिक पक्ष से नुकसान न झेलना पड़े। कर्ज में डूबे उद्योगपतियों को बैंकों से राहत दिलाई जाए ताकि वे दोबारा अपने उद्योगों को प्रफुल्लित करके आसानी से कर्ज वापस कर सकें। डीसी ने आगे कहा कि अकसर कुछ व्यापारी छोटे उद्योगपतियों से सामान लेकर पैसे देने में देरी कर देते हैं, जिससे उद्योगपतियों को आर्थिक तौर पर नुकसान झेलना पड़ता है। यदि कोई व्यापारी बार-बार कहने पर भी पैसे नहीं वापस करता तो उसके खिलाफ अवार्ड (नोटिस) जारी किए जाएं ताकि छोटे उद्योगपतियों के पैसे वापस करवाए जा सके। पैसे न देने वालों खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए। इस अवसर पर काउंसिल सदस्य आरएन शर्मा, अरविदर सिगला, जिला लीड बैंक मैनेजर जसवंत सिह, फंक्शनल मैनेजर नीरज ठाकुर व मान मोहिदर सिंह, तरुण कुमार भी उपस्थित थे। 2017 में पांच जिलों को मिले थे अधिकार
पंजाब सरकार द्वारा बनाए गए इस एक्ट के तहत शुरूआत में मुख्यालय पर ही केसों का निपटारा होता था। केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पंजाब सरकार ने वर्ष 2017 में पटियाला, अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, मोहाली जिलों में काउंसिल का गठन करते हुए केसों के निपटारे के अधिकार दिए थे। करीब ढाई वर्ष पहले मंडी गोबिदगढ़ के उद्योगपतियों की मांग पर फतेहगढ़ साहिब में भी काउंसिल के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। दिसंबर 2019 में काउंसिल टीम का गठन हुआ था और इसकी पहली बैठक बुधवार को हुई। मुख्यालय से ट्रांसफर हुए थे 22 केस
फिलहाल फतेहगढ़ साहिब में कुल 25 केसों में से 22 केस काफी समय से लंबित चले आ रहे हैं। ये 22 केस मुख्यालय से जिला स्तर पर भेजे गए थे। इन्हें लेकर डिप्टी कमिश्नर अमृत कौर गिल ने सख्त रुख दिखाया है। संबंधित पक्षों की काउंसलिग के बाद उन्हें नोटिस भेजने और संतुष्टिजनक जवाब न देने पर कसूरवारों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।