Move to Jagran APP

अगर मिलावटी वस्तु से हुई मौत तो मर्डर का होगा केस

खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट करना एक कानूनी अपराध है। फूड सेफ्टी एक्ट अनुसार मिलावटखोरी करने वाले व्यक्तियों को जहां 10 लाख रुपये तक का जुर्माना सहित 6 साल तक की कैद हो सकती है, वहीं अगर कोई व्यक्ति मिलावटी वस्तु खाकर मर गया तो उक्त दुकानदार के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाएगा इसलिए दुकानदार खाने पीने की वस्तुएं तैयार करने के दौरान खास ख्याल रखें और दुकानों पर साफ-सुथरी और मिलावट रहित वस्तुएं ही तैयार करके बेचें।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 06:59 PM (IST)
अगर मिलावटी वस्तु से हुई मौत तो मर्डर का होगा केस
अगर मिलावटी वस्तु से हुई मौत तो मर्डर का होगा केस

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब : खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट करना एक कानूनी अपराध है। फूड सेफ्टी एक्ट अनुसार मिलावटखोरी करने वाले व्यक्तियों को जहां 10 लाख रुपये तक का जुर्माना सहित 6 साल तक की कैद हो सकती है, वहीं अगर कोई व्यक्ति मिलावटी वस्तु खाकर मर गया तो उक्त दुकानदार के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाएगा इसलिए दुकानदार खाने पीने की वस्तुएं तैयार करने के दौरान खास ख्याल रखें और दुकानों पर साफ-सुथरी और मिलावट रहित वस्तुएं ही तैयार करके बेचें। यह जानकारी वीरवार को डिप्टी कमिशनर शिवदुलार ¨सह ढिल्लों ने बचत भवन में जिले के डेयरी दुकानों के मालिक, मिठाई की दुकानों के मालिक, रेस्टोरेंट मालिक, कैट¨रग का काम करने वाले, मैरिज पैलेस मालिक, जिले में कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में स्थापित कैंटीनों के मालिकों और विभागों के अधिकारियों के साथ मी¨टग की अध्यक्षता करते हुए दी।

loksabha election banner

मिलावटखोरी रोकने को करेंगे जागरूक, नहीं माने तो कार्रवाई

डीसी ने कहा कि मिलावटखोरी को रोकने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से हर तरह का सहयोग किया जाएगा, परंतु इसके बावजूद भी यदि मिलावटखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उनको किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा। ढिल्लों ने यह भी कहा कि खाने-पीने का सामान तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बर्तन, वर्कशाप और स्टोर में साफ सफाई का खास ध्यान रखा जाए और सामान तैयार करने वाले कारीगर को भी स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाए।

मिलावट न करने की खिलाई सौगंध

डिप्टी कमिशनर ने सहायक कमिशनर फूड को हिदायत की है कि वे फूड सेफ्टी एक्ट की कापियां खाने-पीने का समान तैयार करने वालों को मुहैया करवाएं जिससे वह भी एक्ट के प्रति जागरूक हो सकें। मी¨टग में डेयरी, मिठाई की दुकानों, रेस्टोरेंट मालिकों, कैट¨रग का काम करने वाले, मैरिज पैलेसों के मालिकों और शिक्षण संस्थान की कैंटीनों के मालिकों को मिलावटखोरी न करने और न किसी और को मिलावट करने देने की कसम भी खिलाई।

किट से जांचे मैटीरियल की गुणवत्ता

इस मौके सिविल सर्जन डॉ. एनके अग्रवाल ने बताया कि गुरु अंगद देव यूनिवर्सिटी की तरफ से खाने-पीने के सामान का मानक चैक करने के लिए एक किट तैयार की है जिसको खरीद कर समूह दुकानदार खाने-पीने का सामान तैयार करने के लिए खरीदे जाने वाले मैटीरियल की मौके पर ही जांच करके उसकी गुणवत्ता का पता लगा सकते हैं।

इनकी रही विशेष उपस्थिति

बैठक में एसपी रविन्दरपाल ¨सह संधू, एसडीएम डॉ. संजीव, एसडीएम बस्सी पठाना जगदीश ¨सह जोहल, एसडीएम खमाणों परमजीत ¨सह, एसडीएम अमलोह आनन्द सागर शर्मा, सहायक कमिशनर (जनरल) चरनजीत ¨सह, सहायक कमिशनर फूड आदिती गुप्ता, फूड सेफ्टी अफसर जसपिन्दर कौर औजला, डिप्टी डायरेक्टर डेरी हरपाल ¨सह के अलावा नगर कौंसिलों के कार्यकारी अफसर व विभागों के अधिकारियों उपस्थित थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.