दस किलोमीटर में चप्पे-चप्पे पर खतरा, हर साल बड़ा हादसा
ाष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सरहिंद शहर में राजपुरा से आते समय गाव साधूगढ़ से लेकर सरहिंद फ्लोटिंग तक करीब दस किलोमीटर का क्षेत्र धुंध में डेंजर जोन माना जाता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सरहिंद शहर में राजपुरा से आते समय गाव साधूगढ़ से लेकर सरहिंद फ्लोटिंग तक करीब दस किलोमीटर का क्षेत्र धुंध में डेंजर जोन माना जाता है। यहा चप्पे-चप्पे पर खतरा है। हर साल ऐसा ही बड़ा हादसा इस रेंज में होता है। उसका मुख्य कारण है राहगीरों को सचेत करने के लिए रिफ्लेक्टर नहीं लगाए जाना है। 10 किलोमीटर तक कोई सूचनात्मक बोर्ड नहीं है। यहीं वजह है कि हादसे बड़ा रूप ले लेते हैं। धुंध में हालात यह होते हैं कि वाहन चालकों को यह भी पता नहीं चल पाता कि फुटपाथ या रेलिंग कहा है। यही नहीं, राजपुरा से सरहिंद आने वाले राहगीर जब शहर को मुड़ने वाला कट पास आते अचानक गाड़ी टर्न करते हैं तो इससे भी हादसों का खतरा बढ़ जाता है।
रिपोर्ट : धरमिंदर सिंह।
:::पिछले तीन सालों में हुए हादसे:::
2018
23 दिसंबर को भी 40 वाहन टकराए। लुधियाना के एक सप्लायर की मौत। तब सुबह 7.30 बजे ट्रक से सीएनजी कैंटर की टक्कर हो गई थी और उसमें आग लग गई थी।
2018
इसी दिन सुबह करीब 8.30 बजे सरहिंद नहर के फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के पास भी धुंध में लगभग 12 वाहन टकराए थे। कोई जानी नुकसान नहीं।
2017
21 दिसंबर को खानपुर गाव के पास ओवरब्रिज के ऊपर दो ट्रकों की टक्कर के बाद पीछे आ रहे कुल 15 वाहन आपस में टकरा गए। एक की मौत, 18 जख्मी।
2016
दिसंबर मेकडान्लड के पास एक दर्जन के करीब वाहन टकराए थे। इनमें आधा दर्जन के करीब लोग घायल हुए थे।
--------------------- यह करने की जरूरत
-हादसे रोकने के लिए हाईवे पर सफेद पट्टी को हर साल सीजन से पहले डार्क करना चाहिए, ताकि धुंध में यह चमकती रही और वाहन चालकों को रास्ते का अऩुमान हो।
-हर शहर की एंट्री पर चमकते सूचनात्मक बोर्ड लगाकर इंडीकेटर से भी सचेत करना चाहिए। यह एंट्री प्वाइंट से आधा किलोमीटर पहले होने चाहिए ताकि किसी को अचानक वाहन टर्न करना न पड़े।
-सड़कों के किनारों की झाड़ियों को पूरी तरह से साफ किया जाए। पेड़ों और खंभों पर भी रिफ्लेक्टर टेप लगाई जाए।
------------- डीसी के आदेशों का भी नहीं हुआ पालन
धुंध में लोगों की जान-माल की रक्षा को मद्देनजर रखते हुए 17 दिसंबर 2019 को डिप्टी कमिश्नर अमृत कौर गिल ने समूह अधिकारियों से बैठक करते हुए हिदायतें दी थीं कि सड़कों के आसपास झाड़िया साफ कराई जाएं। पेड़ों व खंभों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाई जाए। बेरियर्स पर फ्लैशिग लाइटें व रिफ्लेक्टर लगाए जाएं। उसके बावजूद कोई काम नहीं हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग पर हमारी जिम्मेवारी नहीं : एसडीएम डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर उनकी जिम्मेवारी नहीं है। बाकी जो डिप्टी कमिश्नर की बैठक थी, वो शहीदी सभा को लेकर थी।
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