स्कूली वाहनों में ठूंसे जाते हैं बच्चे, न कोई सेफ्टी यंत्र और न अटेंडेंट
लौंगोवाल में स्कूली वैन में आगजनी की घटना में चार मासूम बच्चों की मौत के बाद खुद को स्कूली बच्चों के प्रति गंभीर दिखाने का प्रयास करने वाले सरकार की अफसरशाही का असलियत यह है कि अभी भी अभिभावकों के नौनिहाल सुरक्षित नहीं है।
धरमिदर सिह, फतेहगढ़ साहिब : लौंगोवाल में स्कूली वैन में आगजनी की घटना में चार मासूम बच्चों की मौत के बाद खुद को स्कूली बच्चों के प्रति गंभीर दिखाने का प्रयास करने वाली सरकार की अफसरशाही की असलियत यह है कि अभी भी अभिभावकों के नौनिहाल सुरक्षित नहीं है। स्कूली वाहनों में ठूंस-ठूंस कर बच्चे बिठाए जाते हैं। ज्यादातर वाहनों में न कोई सेफ्टी यंत्र है और न ही कोई अटेंडेंट। जिसके चलते स्कूली बच्चों की जान से खिलवाड़ जारी है। प्रशासनिक कार्रवाई की बात करें तो यह सिर्फ मुख्यमंत्री के आदेशों उपरांत दो दिन चालान काटने तक सीमित रही। इसका नतीजा जीरो ही दिखाई दे रहा है। बुधवार को इलाके में बच्चों की जान की परवाह किए बगैर कुछ स्कूली वाहन चालकों की तरफ से सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे थे। ऐसे वाहन जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के बाहरी क्षेत्र समेत शहर के प्रमुख चौराहों से बिना किसी रोक-टोक के निकल रहे थे। इन्हें किसी ने नहीं रोका। ज्यादातर आटोज में स्कूली बच्चों को बिठाकर जिदगी दांव पर लगाई जा रही थी। एक आटो में 10 से 15 तक बच्चे बिठाए हुए थे। इन वाहनों में कैमरे तो दूर, फायर सेफ्टी यंत्र तक नहीं थे। जहां पर क्लीनर ने बैठकर ड्राइवर का साथ देना होता है और फिर बच्चों को वाहन से उतारना होता है, वहां पर बच्चे ही बैठे थे। सख्त कार्रवाई होनी चाहिए : विधायक नागरा
सीएम के सलाहकार व क्षेत्रीय विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी को सख्ती से लागू किया जाए। जो स्कूल प्रशासन या निजी ट्रांसपोर्टर बच्चों की जिदगी से खिलवाड़ करते हैं और पॉलिसी की शर्तों पर खरा नहीं उतरते, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लिए वे पहले ही प्रशासन को कह चुके हैं। कोट्स..
किसी भी प्रकार का ढीला रेवैया नहीं अपनाया जा रहा। सख्ती बरकरार है। केवल चालान ही नहीं काट रहे, बल्कि क्षमता से ज्यादा बच्चों को नाके पर ही उतारकर अन्य वाहनों में भेज रहे हैं। वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। आने वाले दिनों में ऐसा कोई वाहन नहीं होगा, जो पॉलिसी से बाहर होगा।
-एचएस महमी, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी।