गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में बैसाखी पर उमड़ी संगत
बैसाखी पर गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब और गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब में भारी संख्या में संगत उमड़ी।
दीपक सूद, सरहिद
बैसाखी पर गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब और गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब में भारी संख्या में संगत उमड़ी। इन दोनों गुरु घरों में संगत देर रात से आने लगी थी। सुबह तक गुरुघर के बाहर संगत की लंबी लाइनें थीं। संगत ने गुरबाणी श्रवण करते हुए वाहेगुरु का जाप किया और सरोवर में स्नान भी किया गया। एसजीपीसी की तरफ से संगत की आमद को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कीर्तन के लिए दिन भर विभिन्न जत्थों की ड्यूटी लगाई गई थी जो माथा टेकने आ रही संगत को बैसाखी पर्व का महत्व बता रहे थे।
एसजीपीसी सदस्य जत्थेदार करनैल सिंह पंजोली ने कहा कि इस दिन दशमेश पिता श्री गुरु गोबिद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। इस महान दिन ने सिखों को अलग पहचान दी। इस अवसर पर शिअद जिलाध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा, गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधक गुरदीप सिंह कंग, हेड ग्रंथी भाई हरपाल सिंह भी मौजूद रहे। गत वर्ष कोरोना कारण पसरा था सन्नाटा
कोरोना के प्रकोप में गत वर्ष बैसाखी पर्व पर श्रद्धा ऊपर कोरोना भारी पड़ा था। मंगलवार को जिन गुरु घरों में संगत की लंबी लाइनें थीं, यहीं पर पिछले साल सन्नाटा पसरा हुआ था। ऐसा माहौल पहले कभी आतंकवाद के दौर में भी गुरु घरों में देखने को नहीं मिला था जो महामारी की बदौलत पैदा हो गया था। एक साल के भीतर वैक्सीन आने और कोरोना से बचाव के प्रबंध पुख्ता करने के बीच आज फिर गुरु घरों में इस पावन दिवस पर रौनक लौटी।