अमलोह बस स्टैंड पर खर्चे सरकार के 2.67 करोड़ का जनता को कोई लाभ नहीं
2.67 करोड़ रुपये की लागत से तैयार करवाया गया अमलोह का बस स्टैंड जनता के किसी काम नहीं आ रहा है।
गुरप्रीत सिंह अमलोह,
पंजाब सरकार की ओर से कई वर्ष पहले 2.67 करोड़ रुपये की लागत से तैयार करवाया गया अमलोह का बस स्टैंड जनता के किसी काम नहीं आ रहा है। काम तो तब आए जब जहां कोई बस आकर ठहरे। एक-दो लोकल बसों को छोड़ बाकी की सभी बसें स्टैंड के बाहर से ही निकल जाती हैं। वहीं बस स्टैंड सभ्याचारक मेलों और सियासी रैलियों के काम आ रहा है। इसके चलते बस स्टैंड की इमारत खंडहर बनती जा रही है।
आलम यह है कि बस स्टैंड के अंदर जो दो-तीन दुकानें किराए पर हैं, वह भी आर्थिक मंदी का शिकार हैं और मजबूरी में दुकान चला रहे हैं। बेशक पीआरटीसी ने इस बस स्टैंड को ठेके पर दे रखा है, लेकिन कुल मिलाकर नुकसान सरकार का ही हो रहा है। वहीं इलाके के लोगों में बस स्टैंड की हालत को देखकर सरकार के खिलाफ रोष पाया जा रहा है। बसों की सुविधा न मिलने से लोग परेशान हैं।
अनदेखी का शिकार हुआ बस स्टैंड
अमलोह का बस स्टैंड पीआरटीसी व सरकार की अनदेखी का शिकार है। विभाग चाहता तो विशेष योजना के तहत सभी बसों का आना-जाना बस स्टैंड से कर सकता था, लेकिन इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया और इसे ठेके पर देकर पल्ला ही झाड़ लिया गया। समाज सेवी हरिदर सिंह तूर ने कहा कि बस वाले मनमर्जी से बसें रोकते हैं। उन पर शिकंजा कसा जाना चाहिए और बस स्टैंड से बाहर रुकने वाली हर बस का चालान होना चाहिए। मामले की पड़ताल करेंगे : चेयरमैन
पीआरटीसी के चेयरमैन केके शर्मा ने कहा कि बस स्टैंड के बाहर बसें रोकना गलत है। इससे सरकार का नुकसान होता है। बस स्टैंड वाली जगह पर कोई भी समागम बिना मंजूरी नहीं हो सकता। अगर अमलोह में ऐसा हो रहा है तो वे मामले की पड़ताल करेंगे। सुधार लाने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।