55 दिन बाद लोहा नगरी में पटरी पर दौड़ी जिदगी, मिली राहत
मंडी गोबिदगढ़ कोरोना संकट के 55 दिनों के बाद लोहा नगरी में जिदगी शनिवार को पटरी पर दौड़ी। सुबह 7 से शाम छह बजे तक छूट के बाद जिदगी आम दिनों की तरह नजर आई।
इकबालदीप संधू, मंडी गोबिदगढ़
कोरोना संकट के 55 दिनों के बाद लोहा नगरी में जिदगी शनिवार को पटरी पर दौड़ी। सुबह 7 से शाम छह बजे तक छूट के बाद जिदगी आम दिनों की तरह नजर आई। शहर में ज्यादातर दुकानें खुली थी और मेन बाजारों में रेहिडयां, फड़ी वालों के साथ रिक्शा भी आम दिनों की तरह चलने लगे। हालांकि दोपहर के बाद काफी हद तक लोग खुद ही सड़़कों पर नहीं नजर आए, जबकि मास्क तकरीबन सभी ने पहना हुआ था। इसके अलावा बाजारों में रिपेयरिग का काम भी चलता दिखाई दिया। रेहड़ियों पर नजर आई खासी रौणक
कर्फ्यू दौरान जिला प्रशासनिक छूट के बाद शहर के सभी मेन बाजार, चौड़ा बाजार, मोतिया खान आदि इलाकों में रौणक दिखाई दी। जिसमें चाय की दुकानों, रेहड़ी व फड़ी के अलावा खाने पीने में बर्गर, जलेबी के अलावा पूड़ी छोलों की रेहिड़यों पर ज्यादा भीड़ नजर आई। जिसमें मेन बाजार में 5 से ज्यादा ही ग्राहक दिखाई दिए। इसके अलावा बाकी दुकानों पर शनिवार के बावजूद ग्राहकी कम ही दिखाई दी। मंहगी लेबर से इंडस्ट्री में थोड़ी हलचल दिखाई देने लगी, जबकि लेबर की कमी के चलते 500 रुपये प्रति टन पर हो रहे लोडिग अनलोडिग के कारण लोहा कारोबारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। क्योंकि शनिवार को अमूमन कम ही काम होता है, जबकि बैंकिग में लोहा कारोबारियों को लेन देन में मुश्किलें आ रही थी, जिसमें ज्यादातार व्यापारी पैसे का लेनदेन पुरा नहीं कर पा रहे, क्योंकि उनकी पेमेंट दूसरे राज्यों के व्यापारियों से आनी थी जिस कारण इंडस्ट्री फिलहाल अगले कुछ दिन सुस्त ही चलती नजर आएगी।
लोग सजग, कोरोना के साथ जीने का सलीका सीख रहे
शहरवासियों ने पिछले दो महीनों से कोरोना से लड़ने का ढंग सीख लिया है। वह सरकारी हिदायतों का पालन करते हुए कोरोना के साथ जिदगी जीना सीख रहे हैं। शहरवासियों में नरिदर शारदा ( गोल्डी) व सवूर जैन ( मिटू) ने बताया कि अब तो देशहित व परिवारों के लिए हमें अपने कारोबार तो करने ही पडे़ंगे। लेकिन उनकी सरकार से माग है अगर पैकेज संबंधी जल्द कोई सरकारी जानकारी मिल जाए कि कैसे आम लोगों व व्यापारियों को आर्थिक पैकेज का लाभ मिलेगा तो कोरोना से आई मंदी से जल्द पंजाब उभर सकेगा।