दशमेश डेंटल कॉलेज में 600 किलोवॉट का लगा रूफटॉप
दशमेश इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड डेंटल साइंस फरीदकोट सौर ऊर्जा आधारित जिले का पहला कॉलेज बन गया है। कॉलेज ने अपनी वर्तमान व भविष्य की जरूरतों को देखते हुए 600 किलोवाट का सौर ऊर्जा प्लांट लगाया है
जागरण संवाददाता, फरीदकोट : दशमेश इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड डेंटल साइंस फरीदकोट सौर ऊर्जा आधारित जिले का पहला कॉलेज बन गया है। कॉलेज ने अपनी वर्तमान व भविष्य की जरूरतों को देखते हुए 600 किलोवाट का सौर ऊर्जा प्लांट लगाया है, जिसका उद्घाटन शुक्रवार की सुबह साढ़े नौ बजे गुरु गोविद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी नई दिल्ली के वाइस चांसलर प्रो. महेश वर्मा द्वारा किया जाएगा। समागम में प्रो. ओपी खरबंदा हेड सेंटर ऑफ डेंटल एजुकेशन एम्स नई दिल्ली, हृतिेक सिंह चेयरमैन नार्दर्न कौंसिल ऑफ आईमा, सिमरप्रीत सिंह चेयरमैन रिजनल कमेटी ऑन पावर एंड रिनेवल एनर्जी पीएचडी चैंबर, डॉ. गुरुसेवक सिंह डायरेक्टर दशमेश इंस्टीट्यूट फरीदकोट शामिल होंगे।
इसके शैक्षणिक केंद्र में सबसे बड़ा रूफटॉप सौर परियोजनाओं में से एक होने की बात कही जा रही है, इसे चंडीगढ़ स्थित हार्टेक ग्रुप के रूफटॉप सोलर डिवीजन हार्टेक सोलर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। 600 किलोवॉट की सौर पीवी परियोजना से हर साल 9.82 लाख यूनिट स्वच्छ बिजली का उत्पादन होगा। इस प्रकार 16,350 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की भरपाई होगी। परियोजना से कॉलेज को बिजली के बिलों में 80-90 प्रतिशत की बचत करने में मदद मिलेगी। सिर्फ 80 दिनों के रिकॉर्ड समय में स्थापित, यह रूफटॉप सोलर प्लांट एक अनूठी रिमोट सेंसिग तकनीक से लैस है, जिसे वाई-फाई या जीपीआरएस सिम कार्ड से जोड़ा जा सकता है। परियोजना के काम के दायरे में सौर पैनल, आपूर्ति, डिजाइन और इंजीनियरिग की स्थापना शामिल थी।
उक्त प्लांट को फरीदकोट रीजन का सबसे बड़ा प्लांट बताया जा रहा है, हालांकि इसके पहले भी जिले के कई स्कूलों में सौर प्लांट लगाए जा चुके हैं। दशमेश डेंटल कालेज जिस प्रकाश से सौर ऊर्जा के उत्पादन हेतु सौर प्लेटों का प्रयोग साइकिल शेड बनाने के लिए भी किया है, वह प्रंशसायोग्य है। जिसकी वीड़ियो आजकल सोशल मीडिया में वायरल भी हो रही है।