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पंजाब में घर बैठे बीमार लोगाें का इलाज, ई-संजीवनी एप पर OPD में पहले दिन 33 का treatment

पंजाब में बीमार लोगों को घर बैठे इलाज मिलना शुरू हो गया है। राज्‍य में ई संजीवनी एप पर ओपीडी की शनिवार को शुरूआत हुई। पहले दिन 33 मरीजों को इलाज मिला।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 03:01 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 03:01 PM (IST)
पंजाब में घर बैठे बीमार लोगाें का इलाज, ई-संजीवनी एप पर OPD में पहले दिन 33 का treatment
पंजाब में घर बैठे बीमार लोगाें का इलाज, ई-संजीवनी एप पर OPD में पहले दिन 33 का treatment

फरीदकोट, [प्रदीप कुमार सिंह]। पंजाब में अब कर्फ्यू के दौरान बीमार लोगों काे घर बैठे ही उपचार मिलेगा। इसके लिए सेहत विभाग के ई-संजीवनी एप पर ओपीडी का शनिवार काे शुभारंभ हुआ। इसकी शुरूआत फरीदकोट से से हुई। इसकी औपचारिक शुरुआत फरीदकोट सिविल अस्पताल के डॉक्टर चन्द्रशेखर कक्कड़ व डॉ रूपिंदर कौर ने की। उन्‍हाेंने मोहाली निवासी राजेश कौशिक को इलाज उपलब्‍ध कराया। दपहले दिन प्रदेश के छह जिलों के 33 मरीजों को वीडियो काॅन्‍फ्रेंसिंग से देखा गया। इस दौरान डाक्टर द्वारा ई-पर्ची पर ही मरीज को दवा लिखी गई और उन्हें उचित परामर्श दिया गया।

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पहले दिन फरीदकोट समेत छह जिलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग से मरीजों से रूबरू हो रहे है डाक्टर

महत्वाकांक्षी ई-संजीवनी प्रोजेक्ट के फरीदकोट जिला नोडल अधिकारी डॉ. चंद्र शेखर कक्कड़ ने बताया कि शनिवार से शुरु हुई इस योजना के तहत फरीदकोट, राेपड़, संगरूर, मोहाली, एसबीएस नगर व मानसा शामिल रहे। उन्होंने बताया कि योजना के फस्ट फेस में फिलहाल अभी मेडिसीन विभाग के माहिर डाक्टर ही शामिल हैं। उनसे इलाज कराने और परामर्श लेने के लिए मरीज द्वारा ई-संजीवनी एप के माध्यम से वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग के जरिए संपकै किया जाता है। 

दिन में दस बजे से एक बजे के मध्य सरकारी अस्पतालों के मेडिसिन विभाग के डाक्टर है उपलब्ध

उन्होंने बताया कि यह एप कोई व्‍यक्ति अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड कर सकता है। इसके बाद वह एप के माध्यम से सुबह 10 बजे से दोपहर बाद एक बजे तक मिले समय के अनुरूप फोन कर सकता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी इसकी भाषा इंग्लिश में ही है, लेकिन कुछ दिनों में यह पंजाबी भाषा में भी उपलब्ध होगा।

वीडियो कान्‍फ्रेंसिंग का मकसद घर से बाहर निकले बिना ही लोगों को विशेषज्ञ डाक्टर की उपलब्ध करवाना है

डॉ रूपिंदर कौर ने बताया कि पहले दिन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से एप के जरिए कुल सात मरीजों की कॉल उनके पास आई। इन मरीजाें को दवा, दवा की डोज के साथ जरूरी परामर्श ई-पर्ची पर लिख कर दिया। डॉ चंद्रशेखर ने बताया कि आज पहला दिन होने के कारण कुछ तकनीकी दिक्कत आई, जिसे समय रहते दूर कर लिया गया, सिस्टम बिल्कुल नया होने के कारण स्टाफ को भी थोड़ा समय लगा, लेकिन आशा है कि एक-दो दिन में यह पूरी तरह सुचारू तरीके से काम होगा। उन्होंने बताया कि सप्ताह के एक ही दिन फरीदकोट का नंबर आएगा, अब अगले बार किसी और डाक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी।

योजना होगी बेहद कारगर-

विशेषज्ञांें का कहना है कि सेहत विभाग के अनुसार ई-संजीवनी योजना बेहद कारगर साबित होगी, इससे मरीजों का के आवागमन का समय बचने के साथ ही उन्हें अब उपचार के लिए लाईन में घंटों बैठकर इंतजार नहीं करना होगा। यहीं नहीं फस्ट फेस में तो अभी सरकारी अस्पतालों के मेडिसिन विभाग के माहिर डॉक्टर शामिल किए गए है, परंतु आने वाले फेसों में अन्य विभागों के माहिर डाक्टरों के अलावा निजी अस्पतालों के माहिर डाक्टर भी शामिल होंगे।


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