एक कॉलोनी आलीशान, बाकी मोहल्लों के लोग परेशान
कोटकपूरा का वार्ड नंबर 26 उन चार वार्डों में शामिल है जो मुक्तसर रोड पर रेलवे ओवरब्रिज बनने के बाद मुख्य शहर से दूर हो गया।
दीपक गर्ग, कोटकपूरा : कोटकपूरा का वार्ड नंबर 26 उन चार वार्डों में शामिल है, जो मुक्तसर रोड पर रेलवे ओवरब्रिज बनने के बाद मुख्य शहर से दूर हो गया। दुआरेआना लिक सड़क पर स्थित वार्ड में शहर की सबसे बड़ी और पॉश प्राइवेट गोबिद कॉलोनी, महालक्ष्मी मैरिज पैलेस, शिव गुफा मंदिर, एचपी पेट्रोल पंप, निरोग बाल आश्रम और मन्दिर, बिजली बोर्ड कार्यलय और ग्रिड केंद्र आते हैं। दुआरेआना रोड की तरफ से यूनिक पब्लिक स्कूल, सावन कृपाल आश्रम, सतनाम पब्लिक स्कूल, डेरा बाबा हुकमी दास, जीजीएस खालसा स्कूल, ईंटों का भट्ठा, शैलर, गुरुद्वारा साहिब, जसविदर एग्री वर्क्स, टार्जन एग्रो प्रोडक्ट के साथ-साथ हर तरह के सामान की मार्केट भी मौजूद है लेकिन वार्ड में अंतर्गत पड़ते मोहल्ले शेरे पंजाब नगर, कोठे नंबरदार, कोठे मलकीत बराड़, शहीद भगत सिंह नगर, वकीलों वाली गली और न्यू सुरगापुरी मूलभूत सुवधिाओं को तरस रहा है।
2015 में कोटकपूरा देहाती के अंतर्गत पड़ते गांव कोठे धालीवाल का कुछ भाग भी इसमें जोड़ा गया है। एक बहुत बड़े इलाके पर आधारित इस वार्ड में कोई शमशान घाट भी नहीं है। शेरे पंजाब नगर में कच्ची सड़कों पर बनी नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर मकानों को नुकसान पहुंच रहा है। लोगों ने परेशानियों को किया बयां
वार्ड की समस्याओं पर सोनू, बुधराम, रोशन, भंवर लाल, सहीराम, वीरपाल, पवनकुमार, रजनी, अनीता, ममता से बात करने के बाद वार्ड से 2015 में जुड़े ग्रामीण इलाके के पूर्व सरपंच कृष्ण कुमार रिकू ने बताया कि इस वार्ड के लोग पिछले 20 वर्षो से विकास को तरस रहे हैं। वार्ड में कई जगह बुनियादी सुविधाएं पेयजल की पाइप ही नहीं है जिन स्थानों पर पेयजल है। वहां पर सीवरेज मिला पानी आ रहा है। इस वार्ड में अभी तक 100 फीसदी सीवरेज, इंटरलॉक टाइल, और सोलर स्ट्रीट लाईट वाला विकास तो अभी शुरू ही नहीं हुआ। बरसात के मौसम में पानी रुकने और कच्ची गलियों की फिसलन से नागरिकों का जीना दूभर हो जाता है। वार्ड की मात्र एक प्राइवेट कॉलोनी विकसित
वार्ड के पार्षद बलवीर सिंह राऊ कोटकपूरा ने खुद माना कि उनके वार्ड में एक प्राइवेट कॉलोनी को छोड़कर अन्य कहीं भी विकास नहीं। उन्होंने बताया कि वार्ड में दो आरओ, सरकारी हाई स्कूल आंगनवाड़ी केंद्र और श्मशानघाट मुख्य जरूरतें हैं, इतना बड़ा वार्ड होने के बावजूद भी साथ लगते सभी पड़ोसी वार्डो में जाना पड़ता है। वार्ड में मजदूर वर्ग के लोग बहुगिनती में रहते है। बड़े नेताओं को इनके वोट तो चाहिए पर विकास नहीं।