नवरात्र की नवमीं का है विशेष महत्व : पंडित गौरव दीक्षित
कन्या पूजन अष्टमी और नवमी दोनों ही दिन किया जाता है जो लोग अष्टमी को कन्या पूजन करेंगे
संवाद सूत्र, फरीदकोट : कन्या पूजन अष्टमी और नवमी दोनों ही दिन किया जाता है, जो लोग अष्टमी को कन्या पूजन करेंगे उन्हें विधि अनुसार नौ कन्याओं एक बालक को भोजन कराना चाहिए, कन्याओं को देवी समझकर सच्चे मन से उनकी पूजा करें और उन्हें दक्षिणा देखकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
यह बातें न्यू कैंट रोड़ गली नंबर आठ स्थित हनुमान गढ़ी के पंडित गौरव दीक्षित ने बताते हुए कहा कि सोमवार को नवरात्र की नवमीं तिथि है, अश्वनी शुक्ल नवमी के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, माता सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाली माता हैं, इनमें माता के सभी रूप समाहित होते हैं, जो नवरात्र के 9 दिनों की पूजा का फल अपने भक्तों को प्रदान करती है इसलिए नवमीं तिथि को पूजा की पूर्णाहुति यानी पूजा का अंतिम निवेदन और भेंट हवन के रूप में किया जाता है।
रविवार 6 अक्टूबर को दुर्गा अष्टमी और सोमवार 7 अक्टूबर को दुर्गा नवमी है, इन तिथियों पर छोटी कन्याओं की पूजा करने की परंपरा है छोटी बालिकाओं को देवी का स्वरूप माना जाता है इसलिए नवरात्रि में इनकी विशेष पूजा की जाती है भोजन कराया जाता है और अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा के साथ उपहार भेंट किए जाते हैं।