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अंतिम दिन उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का मेला मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:52 PM (IST)
अंतिम दिन उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
अंतिम दिन उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट

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12वीं सदी के महान सूफी संत बाबा शेख फरीद का पांच दिवसीय आगमन के अंतिम दिन टिल्ला बाबा फरीद पर श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। टिल्ला बाबा फरीद प्रबंधकों द्वारा श्रद्धालुओं को कोरोना महामारी की चपेट में आने से बचाने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए थे। श्रद्धालुओं के पास मास्क नहीं थे, ऐसे 18000 श्रद्धालुओं को मास्क बांटने के साथ ही, ऑटोमैटिक मशीनों के अलावा 22 कर्मियों की ओर से सुबह से रात्रि तक श्रद्धालु के हाथ-पैर को सैनिटाइज किया गया।

बुधवार को अंतिम दिन टिल्ला बाबा फरीद पर रखे गए श्री अखंड साहिब के पाठ का भोग डाला गया। पैरा ग्लाइडर से टिल्ला बाबा फरीद व आसपास के हिस्सों में श्रद्धालुओं के ऊपर फूलों की वर्षा की गई। गुरूद्वारा टिल्ला बाबा फरीद को रंग-बिरंगे फूलों के साथ सजाया गया, जो कि लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे।गुरू महाराज जी पालकी का भी विहगम श्रृंगार किया या गया था। टिल्ला बाबा फरीद की ओर आने वाले सभी रास्तों पर कालीन बिछाने के साथ ही टेंट भी लगाए थे।

कोरोना महामारी के कारण प्रति वर्षो सैकड़ों की संख्या में लगने वाले छोटे-बड़े लंगरों पर इस बार प्रतिबंध लगाया था, परंतु फिर कुछ लोगों द्वारा बिना परमिशन के लंगर चोरी-छिपे लगाए गए है, जहां पर लोगों को लंगर ग्रहण करते हुए देखा। टिल्ला बाबा फरीद के आसपास बड़ी संख्या में दुकानदारों द्वारा दुकानें भी लगाई गई थी। सेवादार महीपइंदर सिंह सेखो ने कहा कि आगमन पर्व के सभी कार्यक्रम भलीभांति हो गए, पर्व पर टिल्ला बाबा फरीद आने वाले श्रंद्धालुओं के सेहत का ख्याल रखते हुए, सोशल डिस्टेंसिग व मास्क लगाने के नियमों का पूरा पालन किया गया है।

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अवतार मेमोरियल सोसायटी ने दो हजार पौधे बाटे

बाबा फरीद आगमन पर्व पर अवतार मेमोरियल सेवा सोसायटी द्वारा पौधों के लंगर लगाए गए। सोसायटी के प्रधान नवदीप सिंह बब्बू बराड़ व मग्गर सिंह ने बताया कि पर्व पर आज अब तक विभिन्न प्रकार के दो हाजर से ज्यादा पौधों को लंगर स्वरूप वितरित करने साथ ही लोगों से आग्रह किया गया है कि वह पौधों को लगाने के साथ उनकी देखभाल जरूरत करे।


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