डेंगू का कहर बरकरार, सरकारी आंकड़ा 450 के पार
मौसम के बदलाव और सेहत विभाग द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयास के बावजूद शहर में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और अभी भी हर रोज इसके कई मरीज सामने आ रहे हैं। हालांकि जिले भर में डेंगू फैला हुआ है लेकिन सबसे अधिक ¨चताजनक स्थिति कोटकपूरा शहर की है।
जागरण संवाददाता, कोटकपूरा
मौसम के बदलाव और सेहत विभाग द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयास के बावजूद शहर में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और अभी भी हर रोज इसके कई मरीज सामने आ रहे हैं। हालांकि जिले भर में डेंगू फैला हुआ है लेकिन सबसे अधिक ¨चताजनक स्थिति कोटकपूरा शहर की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही जिले भर में डेंगू के करीब 550 केस सामने आ चुके है जिनमें से करीब 450 मरीज अकेले कोटकपूरा से हैं। डेंगू का डंक शहर तक ही सीमित नहीं रहा, अब आसपास के गांवों में भी डेंगू के मरीज सामने आने लगे हैं। गांव ढिलवां भी करीब 10 लोगों को डेंगू होने की जानकारी मिली है जोकि निजी अस्पतालों में अपना ईलाज करवा रहे है। गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोटकपूरा शहर में डेंगू मरीजों की संख्या करीब 5 हजार बताई जा रही है जोकि सरकारी आंकड़ों तो काफी हैरान व परेशान करने वाले है
सरकारी अस्पताल में सुविधाओं के आभाव के कारण ज्यादातर मरीज निजी अस्पतालों से अपना ईलाज करवा रहे है जिसका रिकार्ड सेहत विभाग के पास नहीं है। ऐसे में सरकारी रिकार्ड में डेंगू के मरीजों की संख्या ज्यादा है। असल संख्या सरकारी रिकार्ड से 10 गुणा ज्यादा है। शहर के एक निजी अस्पताल में डेंगू से प्रभावित करीब 50 मरीज दाखिल है और खास बात यह है कि इन सभी 50 मरीजों में से एक ही मरीज का नाम सरकारी रिकार्ड में दर्ज नहीं है। इनसेट
सरकारी अस्पताल में सुनवाई नहीं करते कर्मचारी
रविवार को सिविल अस्पताल का जायजा लेने पर डेंगू वार्ड में दाखिल मरीजों ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारी उनकी कोई सुनवाई नहीं करते। और ड्रिप लगाने व उतरवाने के लिए उन्हें नर्स को ढुढना पड़ता है और कई बार ड्रिप खुद ही उतारनी पड़ रही है। इनसेट
ठंडक से खत्म हो जाएगा प्रकोप
मौसम में आई ठंडक की वजह से अब जल्द ही डेंगू का प्रकोप खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि असल में डेंगू को लेकर लोगों में डर व सहम का माहौल पैदा हो चुका है और वायलर बुखार होने की सूरत में भी लोग डेंगू की आशंका के चलते अस्पताल की तरफ दौड़ रहे है।
डॉ.कुलदीप धीर, एसएमओ, कोटकपूरा